शिक्षा की परिभाषाएँ-Definitions of Education
Meaning and definition of Education
शिक्षा (education) की परिभाषा कोई एक नही है, समय -समय पर कई विद्ववानों ने शिक्षा की अलग-अलग परिभाषाएँ प्रस्तुत की जो निम्न है-
पेस्टालॉजी के अनुसार शिक्षा की परिभाषा–
” शिक्षा (education) बालक की जन्मजात शक्तियों का स्वाभाविक,समन्वित व प्रगतिशील विकास है।”
टी. पी.नन के अनुसार परिभाषा-
” शिक्षा व्यक्ति का ऐसा पूर्ण विकास है जिसके द्वारा व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता से मानव जीवन के लिये अपनी मौलिक भूमिका प्रदान करते है।”
गांधीजी के अनुसार शिक्षा की परिभाषा-
” शिक्षा से अभिप्राय बालक में निहित शारीरिक ,मानसिक एवं आत्मिक श्रेष्ठ शक्तियों का सर्वांगीण विकास है!”
टैगोर के अनुसार शिक्षा की परिभाषा-
” उच्चत्तम शिक्षा वह है जो हमारे जीवन में सभी अस्तित्वो के साथ सामंजस्यपूर्ण सम्बन्ध बनाती है।”
जे कृष्णमूर्ति के अनुसार-
” शिक्षा द्वारा ही मनुष्य को जीवन का सही अर्थ समझाया जा सकता है और शिक्षा द्वारा ही उसे अनुचित मार्ग से सदमार्ग पर लाया जा सकता है।”
स्वामी विवेकानन्द के अनुसार शिक्षा की परिभाषा–
” शिक्षा मनुष्य में निहित दैवीय पूर्णता का प्रत्यक्षीकरण है!”
अरविन्द के अनुसार परिभाषा-
” शिक्षा का कार्य आत्मा को विकसित करने में सहायता देना है।”
➤शिक्षा में निहतार्थ (Indispensable in education)–
शिक्षा की उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि शिक्षा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों के विकास का ही दूसरा नाम है।इन शक्तियों के द्वारा ही मनुष्य का सर्वांगीण विकास होता है। कुछ विद्वानों ने शिक्षा का सम्बन्ध ज्ञान से स्थापित किया है।कभी-कभी कुछ लोग कौशल प्राप्ति को ज्ञान कह बैठते है।इस प्रकार शिक्षा केवल ज्ञान तक सिमित नही है।शिक्षा (education) जब तक जीवन के मूल्य,आदर्शो एवं मान्यताओं का परिचय नही देती है तब तक वह ‘शिक्षा’ नही कही जा सकती |
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