टेलीकांफ्रेंसिंग का अर्थ और टेलीकांफ्रेंसिंग की विशेषताएँ(meaning of teleconferenceing)

टेलीकांफ्रेंसिंग क्या है-

टेलीकांफ्रेंसिंग एक इलेक्ट्रॉनिक साधन है जो एक विषय पर चर्चा करने के लिए दो या दो से अधिक भिन्न-भिन्न स्थानों पर स्थित दो या दो से अधिक व्यक्तियों को एक साथ मिला सकता है।

टेलीकांफ्रेंसिंग का अर्थ-meaning of teleconferenceing,teleconferenceing

टेलीकांफ्रेंसिंग का अर्थ(meaning of teleconferenceing)-
दूरवर्ती शिक्षा के लिए शैक्षिक टेलीकांफ्रेंसिंग एक महत्वपूर्ण माध्यम है।इसमें कई प्रकार के माध्यमो का प्रयोग किया जाता है।और द्वि-पक्षीय प्रसारण द्वारा परस्पर कार्यशील सामूहिक सम्प्रेषण की सुविधा प्रदान की जाती है।

टेलीकांफ्रेंसिंग का शाब्दिक अर्थ (Literal meaning)-
टेलीकांफ्रेंसिंग शब्द को ‘दूर संवाद प्रणाली’ या ‘ दूर संभाषण प्रणाली’ भी कहा जाता है।
टेलीकांफ्रेंसिंग का अर्थ- एक दूसरे से दूर होते हुए भी प्रतियोगियों के बीच संवाद बनाये रखना है।

टेलीकांफ्रेंसिंग की विशेषताएँ-

    1.परस्पर क्रियाशील सम्प्रेषण-टेलीकांफ्रेंसिंग दो या दो से अधिक लोगों में परस्पर क्रियाशील सामूहिक सम्प्रेषण है।अनुभवों का आदान-प्रदान और दूरवर्ती शिक्षा का टेलीकांफ्रेंसिंग महत्वपूर्ण और उपयोगी अंग है।

2.इलेक्ट्रॉनिक साधन-
टेलीकांफ्रेंसिंग एक इलेक्ट्रॉनिक साधन है।जो एक विषय पर चर्चा करने के लिए दो या दो से अधिक भिन्न-भिन्न स्थानों पर स्थित दो या दो से अधिक व्यक्तियों को एक साथ मिला सकता है।

3.भिन्न-भिन्न स्थान-टेलीकांफ्रेंसिंग दो या दो से अधिक स्थानों पर दो या दो से अधिक लोगों के बीच परस्पर क्रिया है।

4.दूरवर्ती शिक्षा के लिए माध्यम – शेक्षिक टेलीकांफ्रेंसिंग दूरवर्ती शिक्षा के लिए विशेष रूप से उपयोगी माध्यम हो सकता है।

5.शीघ्र पृष्ठपोषण-शिक्षार्थियों को शिक्षक और साथी शिक्षार्थियों से तत्काल पृष्ठपोषण प्राप्त होता है।

6.विशेषज्ञ के साथ संपर्क- टेलीकांफ्रेंसिंग शिक्षार्थियों में परस्पर क्रियाशील प्रक्रिया का गुण उन्नत करता है।और दूर से शिक्षक/विशेषज्ञ के साथ आसानी से संपर्क करने में उन्हें समर्थ बनाता है।

7.प्रश्न-उत्तर- टेलीकांफ्रेंसिंग को एक प्रभावशाली अधिगम माध्यम बनाने में प्रश्न और उत्तर सहायक होते है।

टेलीकांफ्रेंसिंग के लाभ-
टेलीकांफ्रेंसिंग के बहुत से लाभ है जिनमे से कुछ निम्न है-
1.यह शिक्षार्थयो को शीघ्र फीडबैक प्रदान करता है।
2.अनुदेशन सामग्री विशेषज्ञ द्वारा तैयार की जाती है।इसलिए अनुदेशन सामग्री के स्तर को कायम रखा जाता है।
3.विस्तृत रूप से बिखरी हुई जनसंख्या के लिए टेलीकांफ्रेंसिंग उपयोगी है।
4.टेलीकांफ्रेंसिंग प्रणाली को छोटे या बड़े समूहों के काम आने के लिए जल्दी अनुकूल बनाया जा सकता है।
5.टेलीकांफ्रेंसिंग प्रणाली में कार्यक्रमो को सिमित संख्या के बाहरी केन्द्रों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
6.समय को व्यवस्थित करने में सुगमता।
7.टेलीकांफ्रेंसिंग जानकारी के आदान प्रदान ,अनुभव बाँटने और सँयुक्त परियोजनाओं के संपादन,सर्वेक्षण,रिपोर्ट लिखने इत्यादि के रूप में सम्प्रेषण का एक अच्छा स्रोत है।
8.टेलीकांफ्रेंसिंग कई क्षेत्रों से सम्बंदित नवीनतम सूचना और अनुभव प्राप्त करने में सहायता कर सकता है।

टेलीकांफ्रेंसिंग के दोष/सीमाएँ-

1.टेलीकांफ्रेंसिंग काफी खर्चीली costly तकनीक है।
2.टेलीकांफ्रेंसिंग के लिए देश भर में एक विशाल और बहुत कुशल नेटवर्क प्रणाली की आवश्यकता होती है।

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