दोस्तों जीवन में परिस्थतियाँ बदलती रहती है कभी हमारे अनुकूल होती है तो कभी प्रतिकूल। समय के साथ जीवन में खुशियाँ भी आती है तो गम भी आते है। हमे जीवन में हँसी,ख़ुशी,सुख,शान्ति, दुःख तकलीफ सब कुछ प्राप्त होती है।और ये सदा स्थिर नही रहते है। दुःख के बाद सुख या सुख के बाद दुःख जीवन में कभी न कभी किसी न किसी मोड़ पर अवश्य ही आते है।
सुख में तो इंसान हमेशा ही प्रसन्न रहता है लेकिन दुःख में व्यक्ति अक्सर तनाव में आ जाता हैं और वह शांति की तलाश करता है। व्यक्ति अपने जीवन में शांति प्राप्त करने के लिये बहुत सी क्रियाये करता है। जैसे-एकांत में रहता है,संगीत सुनता है,घूमने निकलता है और भी अनेक तरीके अपनाता है जो निम्न है-
1.किसी को दोष न दें (Not Blaming anyone accepting the Truth)-
दोष लगाना मनुष्य की सबसे बड़ी समस्या है जो शान्तिपूर्ण जीवन जीने में बाधा उतपन्न कर सकती है।
2.अनुशासनिक व्यवहार(Disciplinary Behaviour)-
हमे सभी के साथ व्यवहार अच्छा रखना चाहिए।अनुशासनिक व्यवहार की सहायता से हम दैनिक जीवन की विभिन्न परिस्थितियों का सामना करने के योग्य बन जाते है जिससे सुख,शांति प्राप्त कर सकते है।
3.सत्य को स्वीकार करें(Accept the Truth)-
शांति प्राप्त करने के लिए सबसे पहले सत्य को स्वीकार करने की आदत विकसित करनी चाहिए।ऐसा करने से हम हानिकारक विचारो से मुक्त हो जायेंगे तथा हमे हमेशा शांति की प्राप्ति होगी।
4.स्वयं पर विश्वास करों(Believe in Yourself)-
अगर हमारे दिमाग में नकारात्मक बाते हावी है तो हमे कभी शांति प्राप्त नही हो सकती।दूसरे लोगो को समझने/आंकने से अच्छा है खुद को बेहतर तरीके से समझे।लोगो को क्षमा करना सीखें फिर देखे की आप स्वयं को कितना स्वतंत्र महसूस करते है।इससे न केवल दुसरो को लाभ होगा बल्कि हम अपनी आत्म-सम्मान कि भावना को भी जोड़ सकते है।विश्वास अगर खुद पर होगा तो ताकत बन जायेगी और अगर विस्वास खुद पर ही ना हो तो वो आपकी कमजोरी बन जायेगी।
5.दुसरो से कोई आशा मत रखो(Hoping not with Other)-
उम्मीदें हमारे मन की पॉजीटीवीटी को ठेस पहुचाती है।ये व्यक्ति को आन्तरिक तथा मानसिक रूप से दुःखी करती हैं।इसलिए हमें कोई भी काम के लिए दूसरों पर निर्भर नही रहना चाहिए अपने काम ख़ुद ही करें । दूसरो से कोई भी अपेक्षा ना रखें।क्योंकि दूसरे आपकी आशा को पूरी नही करेंगे और आप अवश्य ही दुखी होंगे।
6.सभी कामो को प्रेम से करे(Working All Work with Love)-
आप जो भी कार्य करे जहाँ भी करें सभी में अपना श्रेष्ठ देकर करें।ऐसा करने से आपको ख़ुशी मिलेगी।विश्वास और आंतरिक मजबूती की प्राप्ति होगी।आप शांति का अनुभव करेंगे।
7.अपने आदर्श को पहचानें(Know your Ideal Self)-
सबसे पहले जिन गुणों को स्वयं में विकसित करना चाहते है उनकी सूची को बनाये।इस सूची में दयालु,न्याय संगत,सहिष्णु,अत्यधिक उदार,अत्यधिक धैर्यवान आदि गुणों को सम्मलित कर सकते है।क्योंकि जिन व्यक्तियों में ये गुण पाए जाते है।उनमें आंतरिक शांति अपने आप ही विकसित हो जाती है।
8.अपना पसंदीदा कार्य करे-
शान्ति प्राप्त करने के लिए आप अपनी पसंद के वे कार्य ही करे जो आपको बेहद पसंद हो।ऐसा करने से आपका कार्य भी पूरा होगा और साथ -साथ आपके मस्तिष्क को शांति मिलेगी।
9.अपने पसंदीदा स्थान पर घूमने जाएं-
जब भी आपको शांति चाहिए तब आप अपने पसंद के प्राकृतिक स्पॉट पर घूमे यहाँ का वातावरण बहुत अच्छा होता है जो आपके मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है।
10.पसंदीदा म्यूजिक सुनें(Listen Favorite music)-
दिमाग जब भारी लगने लगे है तो आप हल्की आवाज में अपनी पसन्द के गाने सुन सकते है जो दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालते है और आपको रिलैक्स पहुँचाते है।
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