[social science lesson plan in hindi]
social science lesson plan in hindi
पाठ योजना बी.एड.,बी.एड. लेसन प्लान सामाजिक विज्ञान
विद्यालय का नाम- केशवानंद शिक्षण संस्थान सीकर,राजस्थान
दिनांक- 23-11–202 कक्षा-8
वर्ग- C कालांश-3
विषय-भूगोल समय अवधि-45 मिनट
प्रकरण-भूमि संसाधन Land resources
उद्देश्य
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अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन
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1.ज्ञानात्मक
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1. विद्यार्थी भूमि संसाधन की उपयोगिता एवं मृदा के बारे में प्रत्यास्मरण कर सकेंगे।
2. विद्यार्थी भूमि संसाधन की उपयोगिता एवं मृदा के बारे में प्रत्यभिज्ञान कर सकेंगे। |
2.अवबोध
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1. विद्यार्थी भूमि संसाधन की उपयोगिता के बारे में व्याख्या एवं विश्लेषण कर सकेंगे।
2. विद्यार्थी भूमि संसाधन की उपयोगिता एवं राजस्थान की मृदा के बारे में तुलनात्मक अध्ययन कर सकेंगे। |
3.अनुप्रयोगात्मक
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1. विद्यार्थी भूमि संसाधन के बारे में प्राप्त ज्ञान का प्रयोग अधिगम की नवीन परिस्थितियों में कर सकेंगे।
2. विद्यार्थी भूमि संसाधन एवं मृदा के बारे में प्राप्त ज्ञान का प्रयोग अपने दैनिक जीवन में कर सकेंगे। |
4.कोशल
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1. विद्यार्थी भूमि संसाधन एवं भारत की मृदा के विभिन्न तत्व से संबंधित चित्र या चार्ट बना सकेंगे।
2. विद्यार्थी भूमि संसाधन संबंधी ज्ञान के बारे में परिचर्चा कर सकेंगे। |
5.अभिरुचि
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1. विद्यार्थियों में भूमि संसाधन के बारे में अधिक जानने हेतु अभिरुचि का विकास होगा
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6. अभिवृत्ति
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1. विद्यार्थियों में भूमि संसाधन के बारे में उच्च अभिवृत्ति का विकास हो सकेगा।
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विभिन्न प्रकार की मृदा के वितरण को प्रदर्शित करता हुआ मानचित्र।
1. भूमि एवं मानव समुदाय 2. भूमि संसाधन की उपयोगिता 3. राजस्थान की मृदा
व्याख्यान विधि।
विद्यार्थी भूमि संसाधन के उपयोग व मृदा के बारे में सामान्य जानकारी रखते हैं।
क्र.स.
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छात्राध्याप्क क्रियाएं
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विधार्थी क्रियाएं
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1.
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हमारे लिए अन्न कौन उगाता है?
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किसान।
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2.
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किसान अन्न कहां उगाता है?
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खेतों में।
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3.
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खेतों में अन्न की अच्छी फसल के लिए क्या आवश्यक है?
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सिंचाई,उपजाऊ मिट्टी आदि
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4.
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भूमि को हमारी उपयोग की दृष्टि से क्या माना जा सकता है?
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संसाधन या संपदा
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5.
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राजस्थान में भूमि संसाधन एवं मृदा के बारे में आप क्या जानते हैं?
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समस्यात्मक
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शिक्षणबिन्दु
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छात्राध्याप्कक्रियाएं
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विधार्थीक्रियाएं
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सहायकसामग्री
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श्यामपट्टसार
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1. भूमि एवं मानव समुदाय- |
विकासात्मकप्रश्न– 1 हमारे घर किस पर बने हुए हैं? 2 भूमि की और कहां जरूरत होती है? 3. भूमि एवं मानव समुदाय के संबंध के बारे में आप क्या जानते हैं? |
भूमि पर खेती में निरुत्तर |
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छात्राध्याप्ककथन– धरातल पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों में भूमि एक महत्वपूर्ण संसाधन है। पृथ्वी के कुल 11 पतिशत भाग पर खेती होती है। उपजाऊ मैदान एवं नदी घाटी में कृषि कार्य के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध होने के कारण अधिक बसावट पाई जाती है। स्वामित्व के आधार पर भूमि को दो भागों में बांटा जाता है-निजी भूमि और सामुदायिक भूमि। जनसंख्या वृद्धि के साथ भूमि की मांग भी बढ़ती जाती है किंतु भूमि संसाधन सीमित है। स्थान के अनुरूप भूमि की गुणवत्ता में भी अंतर होता है। मानव सामुदायिक भूमि पर चरागाह, सामुदायिक वन और औषधियां एकत्र करता रहा है। आज इस भूमि पर व्यापारिक नगरीय क्षेत्र में आवास व ग्रामीण क्षेत्र में कृषि करने के लिए अनाधिकृत हस्तक्षेप प्रारंभ हो चुका है। बोध प्रश्न- 1. भूमि कैसा संसाधन है? 2. जनसंख्या बढ़ने से किस की मांग बढ़ी है? |
छात्र तथ्य को ध्यानपूर्वक सुन कर अपनी अभ्यास पुस्तिका में उतारेंगे।
अति महत्वपूर्ण |
लपेट फलक, झाड़न,संकेतक, चौक श्यामपट्ट एवं विभिन्न प्रकार की मृदा। | पृथ्वी के कुल 11 प्रतिशत भाग पर ही कृषि होती है।मृदा का निर्माण- खनिजों, जैव पदार्थ व अन्य तत्वों से मिलकर होता है। |
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2. भूमि संसाधन की उपयोगिता- |
विकासात्मक प्रश्न- 1. मानव किस पर रहता है? 2. मानव खेती कहां करता है? 3. भूमि मनुष्य व प्राणियों के लिए कैसे उपयोगी है? |
भूमि पर कृषि भूमि पर निरुत्तर |
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छात्राध्याप्क कथन– किसी भी क्षेत्र में भूमि संसाधन की उपयोगिता उस क्षेत्र में उपलब्ध मृदा की प्रकृति पर निर्भर करती है। भूतल पर दानेदार कणों के आवरण की पतली परत मृदा कहलाती है। स्थलरूप मृदा के प्रकारों को प्रकट करता है। मृदा का निर्माण चट्टानों से प्राप्त खनिजों, जो पदार्थों और भूमि पर पाए जाने वाले अन्य तत्वों से होता है। यह चट्टानों के क्षरण की प्रक्रिया के माध्यम से बनती है। खनिजों और दीव पदार्थों का सही मिश्रण मृदा को उपजाऊ एवं उपयोगी बनाता है। भूमि की उपयोगिता मानव समुदाय के लिए शताब्दियों से हो रही है। आवास, चरागाह,खनन व कृषि आदि के लिए भूमि अत्यंत महत्वपूर्ण संसाधन है। बोध प्रश्न – 1. भूमि की उपयोगिता किस पर निर्भर करती है? 2. मृदा का निर्माण किससे होता है? |
छात्र तथ्य को ध्यानपूर्वक सुन कर अपनी अभ्यास पुस्तिका में उतारेंगे।
मृदा की प्रकृति पर। |
लपेट फलक, झाड़न,संकेतक, चौक श्यामपट्ट एवं विभिन्न प्रकार की मृदा। | मानव हेतु भूमि का उपयोग -आवास,खनिज, कृषि, चरागाह आदि। | |
3. राजस्थान की मृदा- |
विकासात्मकप्रश्न- 1. रेगिस्तान में कैसी मिट्टी होती है? 2. यह खेती के लिए कैसी होती है? 3. रेगिस्तान, मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों की मृदा में क्या अंतर है? |
बालू रेत अनुपजाऊ निरुत्तर |
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छात्राध्याप्ककथन– राजस्थान में मिट्टी को दो आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।(1). रंग के आधार पर-काली मिट्टी,पीली मिट्टी,भूरी मिट्टी और लाल मिट्टी। (2). प्रकृति के आधार पर- कांप मिट्टी ,मरुस्थलीय,लेटराइट, काली, दलदली मिट्टी आदि। राजस्थान के थार मरुस्थल में मरुस्थलीय मिट्टी पाई जाती है। हर की प्रदेश में काली मिट्टी पाई जाती है। अरावली पर्वतीय प्रदेश में लेटराइट मिट्टी मिलती है। उत्तर पूर्व के मैदान में कांप मिट्टी का जमाव अधिक है तथा नहरी क्षेत्र में क्षारीय मिट्टी की अधिकता है। बोध प्रश्न – 1. थार मरुस्थल में कैसी मिट्टी पाई जाती है? 2. हाडोती की मिट्टी कैसी है? 3. अरावली पर्वतीय क्षेत्र कैसी है? |
मरुस्थलीय मिट्टी। काली मिट्टी |
लपेट फलक, झाड़न,संकेतक, चौक श्यामपट्ट एवं विभिन्न प्रकार की मृदा।
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1. पृथ्वी के कुल………….. प्रतिशत भू भाग पर ही खेती होती है।
2. अरावली पर्वतीय प्रदेशों में ….. …..मिट्टी पाई जाती है।
3. भूतल पर दानेदार करो कि आवरण की परत………कहलाती है।
4. राजस्थान में मिट्टी कितने प्रकार की होती है?
5. हाडोती की मिट्टी कैसी है?
➤गृहकार्यप्रश्न–
1. राजस्थानी मिट्टी के वर्गीकरण को संक्षिप्त में समझाइए।