ब्लॉगिंग के नुकसान blogging disadvantage /side effects of blogging

Blogging ke nuksaan/disadvantage of  blogging

हर चीज के दो पहलू होते हैं एक अच्छा तो एक बुरा,ठीक इसी प्रकार blogging के फायदे के साथ साथ ब्लॉगिंग के नुकसान भी बहुत से होते हैं आज हम blogging से होने वाले नुकसान के बारे में पढ़ेंगे।

आजकल blogging करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लोगों के दिमाग में blogging नाम का एक कीड़ा जोर-जोर से हिल रहा है। जो उन्हें बिना कुछ सोचे-समझे अपनी ओर खींच रहा है। युवाओं के साथ साथ बच्चे भी इसका शिकार होते जा रहे हैं। ब्लॉगिंग करने का कारण सिर्फ पैसे ही नहीं है बल्कि कुछ लोग अपने शौक के लिए भी इसे करते हैं। और वह लोग भी blogging start करते हैं जिन्हें इनके बारे में कुछ नहीं पता उन्हें सिर्फ पैसे कमाने से मतलब है।

कुछ लोग ब्लॉगिंग में आने के बाद, कुछ समय तक इस क्षेत्र में कार्य करते हैं और जब इनके बस की बात नहीं होती, तो वह इन्हें बीच में ही छोड़ देते हैं। अक्सर ब्लॉगिंग करने वाले लोग आलसी किस्म के होते हैं। और साथ ही वह सोचने की क्षमता भी एक ही प्रकार की रखते हैं।
ब्लॉगिंग के अनेक फायदे होते हैं लेकिन साथ ही इसके नुकसान भी होते हैं क्योंकि इसमें रेगुलर computer, laptop, mobile आदि पर निर्भर रहना पड़ता है। जिनसे अनेक प्रकार के रोग हो जाते हैं जिनमें से एक कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (computer vision syndrome) मुख्य रोग है।
ब्लॉगिंग से होने वाले फायदे आपने इंटरनेट पर बहुत से पढ़े होंगे लेकिन इसके नकारात्मक पक्ष आपने शायद ही कहीं पढ़े होंगे तो आज हम यहां blogging से होने वाले नुकसानों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

ब्लॉगिंग करने के नुकसान, ब्लॉगिंग के दुष्प्रभाव, blogging side effects


Disadvantage of blogging-

1.स्टडी से दूर Away from the study
      कुछ लोग ऐसे होते हैं जो ब्लॉगिंग पार्ट टाइम के लिए करते हैं लेकिन धीरे-धीरे वह अपना पूरा ध्यान इसी की ओर मोड़ लेते हैं इसलिए उनका ध्यान study पर कम रहता है। और धीरे-धीरे उनकी यह आदत बन जाती है।
कितना सोच समझने के बाद भी वह स्टडी से दूर होता जाता है और उसका education level गिरता जाता है।
स्टडी से दूर होने के कारण वह अन्य एग्जाम्स/ competitive exams में भी पास नहीं हो पाता है और उसका कैरियर यहीं समाप्त हो जाता है अगर उसकी ब्लॉगिंग फेल हो जाए तो।
2. आलसीपन Laziness-
       ब्लॉगिंग में आप स्वयं अपने बॉस होते हैं इसलिए आप अपने सभी काम अपने मन के अनुसार करते हैं और एक दिन यही कारण आपकी आलस्य का सबसे बड़ा कारण बनता है। क्योंकि ब्लॉगिंग से आप घर बैठे पैसे कमा लेते हैं इसलिए आपको सिर्फ एक ही काम करना होता है आर्टिकल लिखने का।
कुछ ब्लॉगर आलसी होते हैं वह 2 घंटे में लिखने वाले आर्टिकल में 2 दिन का समय लगा देते हैं। फिर उसे शेयर करने में तथा अन्य जगह पर उसका प्रमोशन करने में लगाते हैं। जबकि यही काम आप 2 से 3 घंटे के अंदर आराम से कर सकते हैं। इस आलसीपन के चलते आप अन्य कामों में भी रुचि नहीं लेते हैं।

3. तर्क शक्ति कम होना The logic power is low-
      अगर आप लगातार ब्लॉगिंग करते हैं। तो आपका ध्यान अन्य कहीं भी नहीं होता है और आप बिल्कुल इसी में खोए रहते हैं तो 1 दिन आपकी सोचने समझने की जो क्षमता है वह अवश्य कमजोर हो जाएगी आप तर्क वितर्क नहीं कर पाएंगे।

4. स्मरण शक्ति कम होना Less memory power-
       लंबे समय तक ब्लॉगिंग करते रहना वह पूरे दिन इसी में व्यस्त रहना भी आपके दिमाग पर गहरा असर छोड़ता है जिससे आप किम मेमोरी कमजोर हो जाती है। ब्लॉगिंग से स्मरण शक्ति कम होने का कारण यह है कि दिमाग को अन्य कार्यों में न लगाना तथा दिमाग को जरुरत के अनुसार आराम ना प्रदान करना है। स्मरण शक्ति कम होने पर आप किसी बात को लंबे समय तक याद नहीं रख पाते हैं।

5. समाज में अरुचि Disfigurement in society-
     ब्लॉगिंग करने वाले लोग ऐसे होते जा रहे हैं जो अपना पूरा दिन केवल ब्लॉगिंग खर्च करते हैं। उन्हें समाज में होने वाले परिवर्तनों का पता भी नहीं चल पाता है। क्योंकि ब्लॉगर धीरे-धीरे समाज से दूर होता जा रहा है इसलिए वह केवल सोशल मीडिया के द्वारा ही अपने समाज के लोगों से मिल पाता है।
ब्लॉगिंग करने वाले अक्सर सेल्फिश हो जाते हैं वह दूसरों से कोई मतलब नहीं रखना चाहते हैं।
ब्लागर समाज के लोगों वह फ्रेंड्स के साथ समय व्यतीत नहीं कर पाता है जिससे वह नया व्यावहारिक ज्ञान अर्जित नहीं कर पाता है।

6. सोशल मीडिया पर व्यस्त Busy on social media-
    कुछ लोग तो ऐसे होते हैं अपनी पोस्ट डालने के साथ ही उसकी प्रमोशन में सोशल मीडिया पर इतने बिजी हो जाते हैं कि पूरे दिन उसे शेयर करने में ही लगे रहते हैं। इसके साथ ही वह पूरे दिन दूसरे लोगों की Like, share aur comments पढ़ने में ही लगे रहते हैं।
सोशल मीडिया पर होने वाली एक्टिविटीज की सारी नज़र रखते हैं वह इसलिए कि कुछ नया मिल जाए तो उस पर ही पोस्ट लिख दें। इस प्रकार ब्लॉगर सोशल मीडिया का आदी (Addicted) हो जाता है।

7. Computer vision syndrome-
      वह ब्लॉगर जो पूरा दिन कंप्यूटर लैपटॉप पर ब्लॉगिंग करने में गुजारते हैं। उन्हें अनेक बीमारियों से गुजरना पड़ता है जिनमें से computer vision syndrome एक मुख्य वह घातक बीमारी है। यह आपकी आंखों से संबंधित बीमारी है। कंप्यूटर पर लंबे समय तक कार्य करते रहने से computer vision syndrome हो जाता है। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए ये पोस्ट पढ़ सकते है।

8. कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के साथ ही blogging से आपको अनेक बीमारियां जैसे- मांसपेशियों में खिंचाव, मोटापा, आंखों में जलन, आंखों में दृष्टि दोष, अनिद्रा, थकावट, चिड़चिड़ापन, अत्यधिक गुस्सा, कमर में दर्द आदि health related problems हो सकती है।
9. पैसों की बर्बादी-A waste of money-
       कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बोलोगी मैं पैसे कमाने के लिए आप तो जाते हैं लेकिन सक्सेस नहीं होने पर उन्हें सिर्फ निराशा मिलती है। क्योंकि blogging me success ना मिलने से उसकी money Waste domain registration, web hosting ,internet recharge आदि मैं चली जाती है जिनमें से उसे कुछ नहीं मिल पाता है।

10. समय की बर्बादी wastage of time-
       ब्लॉगिंग में सफलता ना मिलने से पैसों के साथ साथ हमारा समय भी खराब हो जाता है जो हमें कभी वापस नहीं मिल पाता, बाद में हमें निराशा होती है कि अगर इतने समय में और कोई कार्य करते तो शायद उसमें सक्सेज हो जाते।

Note-ब्लॉगिंग करने का अपना एक नियमित समय बनाएं यह 2 से 3 घंटे का बना ले जिसके अंदर आप कंप्लीट पोस्ट को तैयार करके पोस्ट कर दें शेयर करने में ज्यादा समय ना लगाएं। ब्लॉगिंग के बाद मोबाइल में कंप्यूटर का उपयोग कम से कम करें।
पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूलें। धन्यवाद !

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