ग्लूकोमा क्या है,ग्लूकोमा का इलाज Treatment of glaucoma

ग्लूकोमा क्या है,What is glaucoma

ग्लूकोमा आँखों से संबंधी (eye diseases) एक बीमारी है। Glaucoma को दृष्टि चोर,काला पानी,कांच बिंद आदि नामो से भी जाना जाता है।
अंधत्व का सबसे बड़ा कारण ग्लूकोमा है जो आजकल अपने पैर तेजी से पसार रहा है। भारत भारत की 2% से ज्यादा आबादी ग्लूकोमा की चपेट में है। इस बीमारी का केवल समय रहते इलाज हो पाता है तभी व्यक्ति की आंख ठीक हो पाती है। आंखों से दिमाग तक संदेश भेजने वाली नर्व के खराब होने के कारण व्यक्ति अंधा हो जाता है।
आज यहाँ आपको glaucoma के बारे में विस्तार से बताने वाले है।

ग्लूकोमा क्या है-What is glaucoma

दृष्टि चोर के नाम से जाना जाने वाला ग्लूकोमा ,आँखों की दृष्टि के लिये खतरा पैदा करने वाला रोग है।
मोतियाबिंद(Cataracts) के बाद ग्लूकोमा अंधेपन का सबसे बड़ा कारण है।
Glaucoma को ‘साइलेंट साईट स्नैचर’भी कहते है।आँखों में एक साफ तरल पदार्थ बहता है जो आँखों के लेंस ,आइरिस व कॉर्निया को पोषण प्रदान करता है इस बहाव के कारण आँखों के नाजुक जाल में खराबी आ जाती है तो यह तरल पदार्थ आँखों से बहार नही आ पाता और आँखों का प्रेशर बढ़ जाता है इससे आँखों की ऑप्टिकल नर्व की कोशिकाएं cells धीरे-धीरे नष्ट हो जाती है यह द्रव प्रदार्थ ऑप्टिकल नर्व पर दबाव डालता है और आँखों को ऐसा नुकसान पहुँचता है जिसको ठीक नही किया जा सकता है यह ग्लूकोमा का कारण बनता है।


लक्षणहीन बीमारी –
   ग्लूकोमा किसी भी आयु वर्ग में हो सकता है। स्टेरॉयड व कार्टिजॉन्न के लगातार सेवन के कारण ग्लूकोमा होता है। बीमारी की शुरुआत में लक्ष्मण नहीं लक्ष्मण नहीं दिखते हैं। आंखों की नियमित जांच नहीं होने से पीड़ित की रोशनी लगातार कम होती जाती है।

ग्लूकोमा से कौन होता है प्रभावित-Who is affected by glaucoma

40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग glaucoma से प्रभावित होते है।
खासतौर पर वो लोग जो आँखों की नियमित जाँच नही करवाते है वो भी glaucoma के शिकार हो जाते है।
शुगर और ब्लड प्रेशर के रोगी भी प्रभावित होते है।
जिनके परिवार में किसी सदस्य के पहले से ग्लूकोमा हो चुका हो या दूर दृष्टि दोष हो वो भी ग्लूकोमा से प्रभावित होते है।

मोतियाबिंद (cataract)
ग्लूकोमा के लक्षण -Symptoms of glaucoma –

– सिर और आँखों में दर्द होना।
– आँखों की दृष्टि में धीरे-धीरे कमी आना।
-चश्मे के नंबर जल्दी- जल्दी बदलना।
-प्रकाश के स्रोत(टॉर्च,बल्ब,cfl,मोमबत्ती,लैम्प आदि) के चारो और रंगीन घेरे दिखाई देना।
उपर्युक्त सभी लक्षण ग्लूकोमा के लक्षण है।

ग्लूकोमा के प्रकार (Types of Glaucoma)-

1. ओपन एंगल ग्लूकोमा –
 इसमें बीमारी के लक्षणों का एहसास नही होता है आँखों की काफी गंभीर स्थति में रोग का पता चलता है।
2. क्लोज्ड एंगल ग्लूकोमा-
इसमें मरीज को आँखों में दर्द ,सिरदर्द,धुंधला दिखाई देना,प्रकाश के स्रोत के चारो और रंगीन घेरे दिखाई देना ऐसे लक्षण दिखाई देते है जिसमे फौरन इलाज की आवश्यकता होती है।

Glaucoma को कैसे रोका जाये-

ग्लूकोमा को रोकना बहुत मुश्किल है लेकिन अगर रोग के शुरुआत से नियमित उपचार हो जाये तो ग्लूकोमा के कारण होने वाली दृष्टि हानि से बचा जा सकता है।

ग्लूकोमा के उपचार (Glaucoma Treatment)-

1. उपर्युक्त लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत नेत्र चिकित्सक से संपर्क करे और उनकी सलाह के आधार पर जाँच करवाये और दवा ले।
2. बहुत से मामलो के अंतर्गत डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देता है तो आप ऑपरेशन जरूर करवाये।
3. ऑपरेशन के बाद भी नेत्र चिकित्सक से सलाह लेते रहे ।और  समुचित दवा लेते रहे।
जिससे आप ग्लूकोमा से बच सके।
तो ये थे glaucoma ke treatment जो बेहद उपयोगी है।
उम्मीद करता हूँ की यह जानकारी आपके लिए लाभदायक होगी।
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