शिक्षण विधियां-विज्ञान शिक्षण की प्रयोगशाला विधि Teaching methods-laboratory method

शिक्षण विधियां teaching methods

प्रयोगशाला विधि Laboratory method

प्रयोगशाला विधि विज्ञान शिक्षण के लिए उपयोगी है। यह विधि ‘करके सीखने’ तथा ‘अवलोकन द्वारा सीखने’ आदि शिक्षण सूत्रों पर आधारित है। प्रयोगशाला विधि के अंतर्गत विद्यार्थी अध्यापक के पर्यवेक्षण में व्यक्तिगत रूप से छोटे छोटे समूहों में स्वयं प्रयोग करते हैं। प्रयोगशाला विधि में न तो व्याख्यान विधि की तरह अध्यापक व्याख्यान द्वारा विद्यार्थियों को तथ्य का ज्ञान करवाता है और नहीं प्रदर्शन विधि की तरह तथ्यों से अपरिचित होने के लिए प्रयोग को का प्रदर्शन करता है। बल्कि विद्यार्थियों को व्यक्तिगत प्रत्यक्ष अनुभव द्वारा स्वयं तथ्य से परिचित होने का अवसर देता है।

      pryogshala vidhi के अंतर्गत छात्रों को ऐसी स्थिति या प्रयोगशाला में रखा जाता है जहां वह सूचनाओं को एकत्र करने के बाद प्रयोग व अवलोकन के आधार पर पूर्व निर्धारित नियमो का सत्यापन करते हैं। यह विधि विज्ञान शिक्षण की अत्यधिक महत्वपूर्ण विधि है।

pryogshala vidhi अन्य विधियों की तुलना में अधिक उपयोगी, व्यावहारिक वह वैज्ञानिक है। pryogshala vidhi में प्रयोग को सफल व प्रभावशाली बनाना शिक्षक की स्वयं की योग्यता, क्षमता, अनुभव तथा सूझबूझ पर निर्भर करता है।

प्रयोगशाला विधि Science teaching methods, teaching method, laboratory method

प्रयोगशाला विधि से पढ़ाने के उद्देश्य:

1.समस्या समाधान में प्रशिक्षण देना।
2.शुद्ध प्रेक्षण तथा ध्यान से रिकॉर्ड करना।
3.कौशलों का विकास करना।
4.पहले पढ़ाये जा चुके तथ्य तथा सिद्धांतों का सत्यापन करना।
5.प्रयोगों, वैज्ञानिक विधियों तथा अन्वेषणात्मक परियोजनाओं में प्रशिक्षण देना।
6.विज्ञान में रुचि उत्पन्न करना तथा उसे कायम रखना।

 

प्रयोगशाला विधि के गुण/लाभ Properties of Laboratory Method-

pryogshala vidhi के निम्न में गुण है-
1.प्रयोगशाला विधि ‘स्थूल से सूक्ष्म’,’ करो और सीखो’,’ज्ञात से अज्ञात की ओर’ आदि सिद्धांतों पर आधारित है।
2.इस विधि में छात्र स्वयं करके सीखते हैं।
3.इस विधि से प्राप्त अधिगम अधिक स्थायी होता है।
4.प्रयोगशाला विधि क्रिया केंद्रित है।
5.यह विधि आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित करती है।
6.संवेगात्मक रूप से संतुष्टि प्रदान करता है।
7.यह विधि वैज्ञानिक सिद्धांत एवं प्रयोग की ओर अधिक सार्थक बनाती है।
8.यह विधि विविधता व प्रेरणा प्रदान करता है।
9.प्रयोगशाला शिक्षण विधि श्रम को महत्व देती है।
10.यह विधि सहयोग की भावना विकसित करती है।
11.कार्य कारण संबंध निर्मित करने का प्रशिक्षण देती है।
12.यह विधि आत्मविश्वास विकसित करती है।
13.आत्मविश्वास विकसित करती है।
14.इस शिक्षण विधि में ज्ञान व कौशल साथ-साथ विकसित होते हैं।
15.रूढ़िवादिता दूर करती है तथा वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण नहीं देती है।

प्रयोगशाला विधि के दोष Laboratory method faults-

pryogshala vidhi के निम्न दोष है-
1.यह शिक्षण विधि खर्चीली विधि है।
2.pryogshala vidhi छोटी कक्षाओं के लिए उपयुक्त नहीं है।
3.विज्ञान के कुछ प्रकरणों को ही इस विधि द्वारा सीखा जा सकता है।
4.उन प्रकरणों के लिए उपयोगी नहीं है जिनमें सिद्धांतिक निष्कर्ष निकलते हो।
5.लापरवाही से किया गया कार्य दुर्घटना को जन्म दे सकता है।

6.इस विधि द्वारा शिक्षण करने पर समय अधिक लगता है जिसके कारण विज्ञान की विस्तृत पाठ्यक्रम को सीमित समय पर समाप्त नहीं किया जा सकता। 

2 thoughts on “शिक्षण विधियां-विज्ञान शिक्षण की प्रयोगशाला विधि Teaching methods-laboratory method”

  1. सराहनीय लेख। अगर विज्ञान शिक्षण विधियो एवं अन्य विज्ञान सम्बन्धी लेखों की आवश्यकता है तो सम्पर्क करें।
    dinkar sharma
    [email protected]
    mob 6375886240

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