बालक के वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक factors affecting to growth and development of child

वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक-Factors affecting growth and development-

बालक के विकास में रुकावट पैदा करने वाले कारक निम्न प्रकार के हो सकते हैं। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक निम्न है – वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

 

1. वंशानुक्रम Genetic-

       बालक का विकास वंशानुक्रम में उपलब्ध गुण एवं क्षमताओं पर निर्भर रहता है। गर्भधारण करने के साथ ही बालक में पैतृक कोसों का आरंभ हो जाता है तथा यहां से बालक की बुद्धि एवं विकास की सीमाएं सुनिश्चित हो जाती है। यह पैतृक गुण पीढ़ी-दर-पीढ़ी हां स्थानांतरित होते हैं। बालक के कद, आकृति, चरित्र, बुद्धि आदि को भी वंशानुक्रम संबंधी विशेषताएं प्रभावित करती है। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक
विभिन्न अध्ययनों से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि वंशानुक्रम बालक की विकास की सभी पक्षों शारीरिक ,मानसिक तथा संवेगात्मक, को प्रभावित करता है। प्राय देखा जाता है कि स्वस्थ माता-पता के स्वस्थ बच्चे पैदा होते हैं।
वुडवर्थ के अनुसार वुडवर्थ के अनुसार-“वंशानुक्रम बालक के विकास की सीमाएं पहले ही निश्चित कर देता है।”

 

2. वातावरण Environment

          वातावरण भी बालक के विकास को प्रभावित करने वाला महत्वपूर्ण तत्व है। वातावरण के प्रभाव स्वरूप व्यक्ति में अनेक विशेषताओं का विकास होता है। शैशवावस्था से ही सभी प्रकार के विकास पर वातावरण जिस में बालक रहता है, का प्रभाव पड़ता है। बालक की जीवन दर्शन एवं शैली ,स्वरूप, स्कूल, समाज, पड़ोसी तथा परिवार के प्रभाव के परिणाम स्वरुप ही स्पष्ट होता है। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक
स्पष्ट है कि अच्छा वातावरण मिलने पर बालक का उचित रूप से विकास संभव है यहां वातावरण से तात्पर्य बालक की भौतिक एवं सामाजिक वातावरण से है। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक


3. पोषण-Nutrition

        बालक के सामान्य विकास के लिए उपयुक्त पालन-पोषण तथा पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। प्राइस सभी परिवारों में समान रुप से बालकों के भोजन पर ध्यान नहीं दिया जाता है, कि उसमें स्वास्थ्य के लिए आवश्यक चीजें हैं या नहीं। शारीरिक विकास के लिए आयोडीन, कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन, कैल्शियम तथा विटामिन आदी बहुत आवश्यक हैं जिनके अभाव में बच्चे अस्वस्थ हो जाते हैं। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक
इन सभी के अभाव में बालकों का विकास रुक जाता है तथा किसी विशेष प्रकार का विकासात्मक परिवर्तन नहीं हो पाता है। बाल अवस्था में उचित पोस्टिक आहार प्राप्त होने के फलस्वरुप व्यक्तित्व विकास सामान्य रूप से होता है।

 

4. यौन भेद-Sexual discrimination

        यौन भेद के कारण लड़के लड़कियों का शारीरिक तथा मानसिक विकास समान रुप से नहीं होता है। जन्म के समय लड़कियों की अपेक्षा लड़का आकार में थोड़ा बड़ा ही रहता है। विकासात्मक क्रम में लड़कियां बाद में सम्मान ही नहीं हो पाती है, बल्कि उन्हें परिवर्ती योन विशेषताएं भी पहले प्रकट हो जाती है और यौन परिपक्वता भी पहले आ जाती है। भाषा विकास भी लड़कियों में अधिक तीव्रता से होता है शारीरिक विकास कि तरह मानसिक परिपक्वता लड़कियों में कुछ समय पहले आ जाती है। परिपक्वता की क्षमता पर वंशानुक्रम तथा वातावरण का भी प्रभाव पड़ता है। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

5. व्यक्तिगत विभिन्नता Personal variation-

        सभी बालकों की सोचने समझने की क्षमता अलग अलग होती है। विकासात्मक प्रगति में व्यक्तिगत विभिन्नता देखी जाती है। तीव्र बुद्धि के बालक का बौद्धिक विकास तीव्र गति से तथा मंदबुद्धि बालक का मंद गति से विकास होता है। सामाजिक विकास के साथ भी यह सत्य है। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

6. संस्कृति Culture-

       डेनिस के अध्ययन के परिणाम स्वरुप सांस्कृतिक भिन्नता होते हुए भी रेड इंडियन बच्चों की सामाजिक तथा गत्यात्मक अनुक्या सम्मान रही। शर्म, भय आदि का विकास समान आयु स्तर पर हुआ। डेनिस के निष्कर्ष के अनुसार शैशव काल की विशेषताएं सार्वभौमिक है एवं संस्कृति उनमें विनता उत्पन्न करती है। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

7. बुद्धि -Intelligence

       मनोविज्ञान अपने अध्ययनों के आधार पर निश्चित किया है कि कुशाग्र बुद्धि वाले छात्रों का मानसिक एवं शारीरिक विकास मंद बुद्धि वाले छात्र के शारीरिक एवं मानसिक विकास की अपेक्षा तेज गति से होता है। कुशाग्र बुद्धि वाले बालक मंद बुद्धि वाले बालक की अपेक्षा शीघ्र बोलने पर चलने लगते हैं।

8. आयु-Age

     बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था से आयु वर्गों में आयु वृद्धि के साथ साथ शारीरिक विकास की गति एवं स्वरूप से परिवर्तित होते हैं। साथ ही मानसिक विकास भी अवश्य प्रभावित होता है। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

9. खेल एवं व्यायाम-Sports and exercise

     नियमित खेल एवं शारीरिक विकास में सहायता मिलती है इससे सभी शारीरिक संस्थान ठीक प्रकार से कार्यरत रहते हैं तथा शरीर स्वस्थ रहता है स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क से विकास करता है। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

10. प्रजाति- Race

       युंग ने प्रजातीत प्रभाव को बालक के विकास में महत्वपूर्ण माना है। गर्म जलवायु में रहने वाले बालकों का शारीरिक विकास ठंडे जलवायु में रहने वाले बालकों की अपेक्षा शीघ्र होता है। नीग्रो बच्चे, शवेत बच्चों की अपेक्षा 80% परिपक्व अधिक होते हैं। वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

11. बालक का परिवार में स्थान-Child’s family 

       परिवार में प्रथम एवं अंतिम बालक को विशेष लाड प्यार से पाला जाता है बड़े भाई बहनों के कारण में शीघ्र सीखते हैं छोटा बालक बड़े का अनुकरण करना शीघ्र सीख लेता है।
✓उपयुक्त सभी वृद्धि व विकास को प्रभावित करने वाले कारक से बालक के वृद्धि व विकास मैं रुकावट पैदा हो जाती है।
 

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