मापन, मूल्यांकन एवं आकलन Measurement, Evaluation and Assessment
what is evaluation?
शिक्षण में प्राय मापन मूल्यांकन तथा आकलन शब्दों का प्रयोग किया जाता है जिनकी भेद जानना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक होता है।
परंपरागत मूल्यांकन प्रणाली जांच एवं परीक्षण के सिद्धांत पर आधारित थी जिनका स्थान आधुनिक प्रणाली ने नवीन मूल्यांकन पद्धतियों ने ले लिया है।
जब बालकों की गणितीय उपलब्धियों का अंकन मात्रात्मक रूप से किया जाता है अर्थात जब विशेष दक्षता को केवल किन्हीं संख्याओं को या संकेतों द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है तो इसे मापन कहा जाता है।
तथा इसे देखकर उस उपलब्धि की गुणवत्ता निर्धारित करना बिल्कुल भी संभव नहीं है जैसे यदि किसी बालक के गणित में कुल पूर्णांक 100 मैं से 70 अंक प्राप्त हो तो यह केवल मापन है अर्थात दक्षता का मात्रात्मक अंकन है।
➤मापन एवं मूल्यांकन में अंतर-(Difference in measurement and evaluation)-
क्र. स.
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मूल्यांकन
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मापन
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1.
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नवीन अवधारणा है
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प्राचीन अवधारणा है
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2.
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विस्तृत व व्यापक प्रक्रिया है
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मापन का क्षेत्र संकुचित व सीमित है
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3.
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मूल्यांकन छात्र की रुचियां अभिरुचि अभिवृत्तिया मानसिक योग्यता आदि व्यक्तित्व के संपूर्ण पक्षों की जांच करता है।
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मापन व्यक्तित्व के कुछ आयामों को ही प्रतीक प्रदान करता है।
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4.
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मूल्यांकन में स्थिति का वर्णन किस प्रकार से किया जाता है की तुलनात्मक अध्ययन संभव हो सके।
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मापन द्वारा तुलनात्मक अध्ययन संभव नहीं है।
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5.
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मूल्यांकन के लिए अधिक शक्ति समय व धन की आवश्यकता होती है।
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मापन में अपेक्षाकृत कम समय, शक्ति व धन की आवश्यकता होती है।
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what is evaluation what is evaluation
➤मूल्यांकन क्या होता है What is an evaluation?
मूल्यांकन शब्द का निर्माण मूल्य+अंकन से हुआ है अर्थात मूल्यों को अंकित करना ही मूल्यांकन है।
एक बालक में जो मूल्य पैदा होते हैं वे उस बालक के वे गुण होते हैं जो सर्वाधिक वातावरण के अनुभवों एवं विद्यालय के प्रशिक्षण से पैदा होते हैं।assessments for lerning
बालक में पैदा होने वाले इन्हीं गुणों को अंकित करते हुए इस बात का निर्णय लिया जाता है कि बालक को अगली कक्षा में भेजा जाए या नहीं इसलिए मूल्यांकन का वास्तविक अभिप्राय निर्णय लेना होता है।
अनुभव एवं प्रशिक्षण से सीखना जीवन पर्यंत चलने वाली शैक्षिक प्रक्रिया के रूप में समझा जाता है इसलिए मूल्यांकन शैक्षिक प्रक्रिया का अंग है।assessments for learning
शैक्षिक प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलने वाली सतत प्रक्रिया है और मूल्यांकन इसका अंग होने के कारण तथा उसमें अनुभव व प्रशिक्षण को सम्मिलित किए जाने के कारण मूल्यांकन को सतत समग्र मूल्यांकन कहा जाता है।
➤मूल्यांकन की परिभाषाएं Definitions of evaluation-
वेसले तथा कोर्टराइट के अनुसार-“मूल्यांकन शिक्षा की प्रक्रिया का वह अंग है जिसके द्वारा निश्चित समय में शिक्षण के उद्देश्यों की प्राप्ति की जाती है तथा व्यवहार में हुए अपेक्षित परिवर्तनों को मापा जाता है।”
कवालेन तथा ह्न्न-“विद्यालय में हुए छात्रों के व्यवहारगत परिवर्तनों के संबंध में प्रदर्त का संकलन तथा उनकी व्याख्या करने की प्रक्रिया ही मूल्यांकन है”
ब्लूम के अनुसार- “मूल्यांकन योग्यता निर्धारण की एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें शिक्षण और अधिगम प्रक्रिया की प्रभावशीलता का अध्ययन किया जाता है”
कोठारी आयोग के अनुसार- “मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है तथा यह शिक्षण प्रक्रिया का अभिन्न अंग है मूल्यांकन द्वारा केवल शैक्षिक उपलब्धि की जांच नहीं की जाती बल्कि इससे शैक्षिक प्रक्रिया में भी सुधार आता है”
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उपर्युक्त परिभाषा ओं से स्पष्ट है कि मूल्यांकन द्वारा यह निर्धारित किया जाता है कि-
1. शिक्षण उद्देश्यों की प्राप्ति की सीमा क्या है।
2. अपेक्षित व्यावहारिक परिवर्तन कितना हुआ।
3. उद्देश्य प्राप्त करने की विधियां कितनी प्रभावी रही। what is evaluation what is evaluation
➤मूल्यांकन का महत्व importance of evaluation-
1. बौद्धिक योग्यता अनुसार छात्र समूह विभाजन में।
2.बालकों की मानसिक शक्तियों, दक्षता तथा उपलब्धियों का पता लगाने के लिए।
3. बालकों के कुशल शैक्षिक निर्देशन में सहायक होता है।
4. शिक्षकों तथा छात्रों को प्रतिपुष्टि मिलती है।
5.शिक्षण उद्देश्यों की प्राप्ति तथा अपेक्षित व्यवहार में परिवर्तन की सीमा तय करने में।
6. शिक्षण विधियों, पाठ्यक्रम तथा पाठ्य पुस्तकों में वांछित सुधार करने में।
7. मूल्यांकन परीक्षा प्रणाली में वांछित सुधार में आवश्यक होता है। what is evaluation what is evaluation
➤मूल्यांकन की विशेषताएं Features of evaluation-
1. मूल्यांकन सतत प्रक्रिया है।
2. विद्यार्थी केंद्रित होती है।
3. निर्णयत्मक तथा विवरणात्मक प्रक्रिया है।
4. उद्देश्य केंद्रित प्रक्रिया है।
5. शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का आंतरिक अंग है।
➤उद्देश्य पूर्ण मूल्यांकन की विशेषताएं Features of objective assessment-
मूल्यांकन की वस्तुनिष्ठता
मूल्यांकन की विश्वसनीयता
मूल्यांकन की विभेदकारिता
मूल्यांकन की वैधता
मूल्यांकन की व्यापकता
मूल्यांकन की व्यावहारिकता
मूल्यांकन की सतत्ता what is evaluation what is evaluation
➤विशिष्ट प्रकार के मूल्यांकन Specific type of evaluation
➧ रचनात्मक/रचनात्मक/ रूपात्मक/ निर्माणात्मक मूल्यांकन- formative assessment
शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के दौरान अर्थात मध्य में समय-समय पर किए जाने वाले ऐसे आंकलन जिसका उद्देश्य केवल शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सुधार करना होता है तथा जो शिक्षकों एवं छात्रों दोनों को प्रतिपुष्टि देते हैं ताकि शिक्षकों को उनकी शिक्षण विधियों की प्रभावशीलता का पता चल सके जबकि विद्यार्थियों को उनके अधिगम अवरोधों का पता लगे ताकि पुनर्बलन देकर उन्हें अभिप्रेरित किया जा सके। what is evaluation
➧योगात्मक संकलित आकलन summative assessment-
शिक्षण अधिगम प्रक्रिया की समाप्ति पर किए जाने वाले ऐसे आकलन जिनका उद्देश्य विद्यार्थियों की उपलब्धि का स्तर तय करना होता है जिसे किसी संख्यात्मक मान(ग्रेडिंग) द्वारा व्यक्त किया जाता है।
➤रचनात्मक तथा योगात्मक आकलन में अंतर Difference between formative and summative assessment
S.N.
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Formative Assessment
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Summative assessment
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1.
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शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के मध्य समय-समय पर लिए जाते हैं।
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केवल शिक्षण अधिगम प्रक्रिया की समाप्ति पर लिया जाता है।
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2.
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इसकी प्रकृति सुधारात्मक होती है
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इसकी प्रकृति निर्णायक होती हैं।
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3.
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शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सुधार हेतु किए जाते है।
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शैक्षिक प्रक्रिया की समाप्ति के बाद उपलब्धि स्तर तय किया जाता है।
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4.
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शिक्षकों तथा छात्रों दोनों को प्रतिपुष्टि देते हैं।
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संपूर्ण शिक्षण अनुदेशन प्रक्रिया में उद्देश्य प्राप्ति की सीमा का निर्धारण करते हैं।
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5.
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यह सीखने के लिए आकलन होता है।
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यह सीखने का आकलन है।
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6.
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इनके निष्कर्ष अंतिम परिणामों में शामिल नहीं किए जाते।
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इनके निष्कर्ष ही अंतिम परिणाम होते हैं।
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7.
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यह अनौपचारिक परीक्षणों से जैसे – अवलोकन मुख्य कार्य, लिखित, इकाई परीक्षण आदि के रूप में अनियोजित प्रकार से लिए जा सकते हैं।
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यह पूर्व नियोजित तथा औपचारिक परीक्षणों द्वारा पीटी टर्म परीक्षाओं, अर्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षाओं आदि के माध्यम के लिए, लिए जाते हैं।
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what is evaluation
मूल्यांकन प्रक्रिया के सोपान Steps of evaluation process-
1. उद्देश्यों का निर्धारण करना
2. व्यवहारगत परिवर्तनों के सापेक्ष उद्देश्यो का विश्लेषण करना।
3. मूल्यांकन विधियों का चयन करना।
4. मूल्यांकन विधियों का प्रयोग करना।
5 निष्कर्षों की प्राप्ति करना।
➤मूल्यांकन की विधिया (Evaluation method) what is evaluation what is evaluation
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