पर्सनल लोन न चुकाने पर बैंक क्या करेगा | BANK LOAN RECOVERY PROCESS IN HINDI

BANK LOAN RECOVERY PROCESS IN HINDI

   पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा ?

दोस्तों क्या होगा जब आप बैंक को पर्सनल लोन चुकाने में असफल होंगे,
जब आप किसी बैंक को लोन का पैसा या क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने से मना कर देते हैं तो बैंक कोई कानूनी कार्रवाई कर सकता है या नहीं आज इस पोस्ट में जानेंगे इसके बारे में-
➤लोन दो प्रकार के होते है सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन (Secured and unsecured loans) BANK LOAN RECOVERY PROCESS IN HINDI

अनसिक्योर्ड लोन ना चुकाने पर बैंक क्या-क्या एक्शन ले सकता है?

दोस्तों आपने किसी भी बैंक से Personal loan, business loan, education loan or consumer loan लिया हो। BANK LOAN RECOVERY PROCESS IN HINDI

 इनका EMI  आपको समय पर भरना पड़ता है। अगर आप EMI समय पर नहीं भर पाते हैं तो बैंक आपके ऊपर late fee या extra interest charge करेगा।
कई बार यह होता है Unsecured loan पर late fee और अधिक ब्याज वसूलने पर भी लोग ईएमआई को चुकाने से मना कर देते हैं। इस मामले में बैंक अपनी जगह सही होता है।
आपने बैंक को लोन की किस्त समय से नहीं चुकाई है इसलिए यह जुर्माना भरना पड़ता है। लेकिन फिर भी कई बार पैसों की कमी के कारण या इस सोच के कारण कि मैं बैंक को लोन का भुगतान नहीं करूंगा तो बैंक मेरा क्या करलेगा, यह सोचकर कई लोग लोन का भुगतान नहीं करते हैं।
ऐसा करने पर बैंक अधिक जुर्माना और अधिक ब्याज दर महीने वसूलने लगता है।
जब 90 दिन तक कोई पेमेंट नहीं किया जाता है तो बैंक आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है। इसके लिए बैंक आपको लीगल नोटिस भी भिजवा सकता है।

 

नोटिस मिलने से न हो परेशान –
नोटिस देखकर कुछ लोग घबरा जाते हैं क्योंकि यह लोग कानून को अच्छी तरह से नहीं जानते है, फिर भी आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, इसमें कुछ नियमों का ध्यान में रखना होता है।

3 महीने तक आप बैंक को लोन का पैसा वापस नहीं करते हैं तब बैंक के द्वारा आपको एक नोटिस जारी की जाती है इसमें यह लिखा हुआ होता है की प्रिय कस्टमर आपको बैंक की राशि चुका देनी चाहिए अगर आप नहीं चुकाते हैं तो आपको डिफॉल्टर की प्रोसेस में शुरू कर दिया जाएगा।
किसी नोटिस से आपको बिल्कुल भी नहीं डरना है आपको 60 दिन का वक्त उस नोटिस के बाद भी मिलेगा यानी कि आप अभी भी 60 दिन के अंदर लोन चुका सकते हैं। तो आपके लिए कोई भी दिक्कत नहीं होगी।
अगर बैंक आपको 60 दिन का वक्त नहीं दे तो आप आरबीआई में अपनी फरियाद कर सकते हैं या बैंक मैनेजर से बात कर सकते हैं।
लेकिन अधिकतर बैंक ग्राहक के साथ अपना रिलेशन खराब नहीं करना चाहता है इसलिए बैंक को जब यह लगता है ग्राहक पैसा देने वाला नहीं है तब बैंक ग्राहक को समझौते का विकल्प प्रदान करता है।
इस समझौते के विकल्प में बैंक अपना पूरा जुर्माना हटा सकता है।
मान लीजिए आप का लोन ₹100000 का था और पेनल्टी मिलाकर डेढ़ लाख रुपए आपको चुकाना था।
तो समझौते के विकल्प में बैंक आपसे यह कहता है कि ₹125000 या ₹120000 दे दो और लॉन को बंद करवादो।


कई बार बैंक ₹100000 में भी मान जाता है यह बैंक के ऊपर निर्भर करता है।
इसलिए ज्यादातर लोग समाधान के विकल्प को चुनते हैं जबकि यह नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बैंक को तो नुकसान होता ही है इसके चलते आपकी इस गलती को बैंक सिबिल report में दिखा सकती है। जिससे आपका सिबिल स्कोर काफी डाउन हो जाएगा।
सिबिल एक कंपनी है जो इंडिया के हर व्यक्ति के लोन का लेखा-जोखा करती है।
सिबिल स्कोर के कम हो जाने पर अगर आप भविष्य में कोई लोन अप्लाई करना चाहते हो तो आपका लोन लेना मुश्किल हो जाएगा।
अगर आपने पहले लोन लिया है और उसको पे नहीं किया है तो आपको भविष्य में लोन लेना संभव ही नहीं है।अगर आप कोई लोन लेते हैं चाहे वह सिक्योर हो या अनसिक्योर्ड लोन हो उसका ईएमआई टाइम से जमा करवाई ताकि भविष्य में आपको कोई भी लोन मिल सके। BANK LOAN RECOVERY PROCESS IN HINDI

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