नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान कक्षा 8 | social science lesson plan in hindi class 8 | civics lesson plan

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नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान

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sst ka lesson plan in hindi PDFsst ka lesson plan in hindi | बीएड लेसन प्लान

विद्यालय का नाम- अपनी स्कूल का नाम व स्थान लिखें 
कक्षा-8
कालांश- 4
विषय- सामाजिक अध्ययन
वर्ग- A
दिनांक-
अवधि- 30 मिनट
प्रकरण – नागरिकों के मूल कर्तव्य


➤शिक्षण के उद्देश्य :- 

क्र.स. 
 शिक्षण उद्देश्य 
अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन 
1.
ज्ञानात्मक
1.विद्यार्थी नागरिकों के मूल कर्तव्य का प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगे।
2.विद्यार्थी नागरिकों के मूल कर्तव्य तथ्यों का प्रत्यास्मरण कर सकेंगे।
2.
अवबोध
1.विद्यार्थी नागरिकों के कर्तव्य विषय में स्पष्टीकरण कर सकगे।
2.विद्यार्थी नागरिकों के कर्तव्य का विश्लेषण एवं वर्गीकरण कर सकेंगे।
3.
अनुप्रयोगात्मक
1.विद्यार्थी नागरिकों के कर्तव्यों के प्रति उत्तरदायित्व को समझ सकेंगे।
2.विदेशी नागरिकों के कर्तव्यों के माध्यम से अपने कर्तव्यों के प्रति सजग हो सकेंगे।
4.
कोशल
1.छात्र नागरिकों के कर्तव्यों को सूचीबद्ध करके चर्चा कर सकेंगे।
2.छात्र नागरिकों की कृतियों के बारे में अन्य व्यक्तियों को सजग कर सकेंगे।
5.
अभिवर्ती
1. विद्यार्थियों में नागरिकों के कर्तव्य के बारे में अधिक जानने की अभिवृत्ति का विकास हो सकेगा।
2. विद्यार्थियों में नागरिकों के कर्तव्य के बारे में सकारात्मक रुचि का विकास होगा।

नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान 

➤शिक्षण विधियाँ- 
                         व्याख्यान विधि।
➤सहायक सामग्री- 
लपेट फलक झाड़ संकेतक चौक श्यामपट्ट नागरिकों के मूल कर्तव्य को दर्शाता हुआ चाणक्य आदि कक्षापयोगी शिक्षण सामग्री।

➤पूर्वज्ञान- 
          विद्यार्थी नागरिकों के मूल कर्तव्य के बारे में सामान्य जानकारी रखते हैं।
   ➤प्रस्तावना :-
क्र. स.
छात्र अध्यापक क्रियाएं
छात्र क्रियाए
1.
दादा दादी माता-पिता भाई-बहन आदि सदस्य मिलकर क्या बनता है।
परिवार
2.
परिवार में सभी लोग अपना अपना कार्य करते हैं यह किस का निर्वाह करते हैं
अपने कर्तव्यों का
3.
परिवार की तरह देश में भी नागरिकों को किन का निर्वाह करना चाहिए
कर्तव्यों का
4.
नागरिकों के लिए कुछ मूल कर्तव्य को निर्धारित करता है।
संविधान
5.
नागरिकों के मूल कर्तव्य के बारे में आप क्या जानते हैं
समस्यात्मक


➤उद्देश्य कथन :-
   अच्छा तो विद्यार्थियों, आज हम नागरिकों के मूल कर्तव्य के बारे में विस्तार से पढ़ेंंगे।
➤प्रस्तुतीकरण :-

शिक्षण बिन्दु
छात्राध्यापक क्रियाएं
छात्र क्रियाएं
श्यामपट्ट कार्य
1. कर्तव्य का अर्थ-
विकासात्मक प्रश्न-
1. अधिकारों की मांग के साथ क्या जरूरी है
2.मनुष्य के उत्तर दायित्व का निर्वहन करना किसका पालन करना कहलाता है
3 कर्तव्य के अर्थ के बारे में और अधिक क्या बता सकते हैं
 
कर्तव्य पालन
कर्तव्यों का
निरुत्तर
 
 
 
छात्राध्यापक कथन-मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है क्योंकि वह है समाज में रहता है परिवार के सदस्यों से मिलकर जिस प्रकार परिवार का निर्माण होता है ठीक उसी प्रकार एक जैसे प्रवेश में रहने वाले विभिन्न परिवार या लोगों से मिलकर समाज का निर्माण होता है।
परिवार और समाज के विकास के एवं समृद्धि के लिए आवश्यक है कि समाज के लोग मिलजुलकर उत्पादक कार्य करें तथा सभी अपने अपने कार्यों का महत्व समझे।
परिवार समाज और देश के नागरिकों का परिवार, समाज और देश की प्रगति के लिए किया गया कार्य कर्तव्य के अंतर्गत आता है।
बौध प्रश्न –
1 मनुष्य कैसा प्राणी है?
2 समाज के लिए क्या आवश्यक है
 
 
 
विद्यार्थी ध्यान पूर्वक सुने एवं समझेंगे।
 
 
 
 
सामाजिक
मिलजुल कर कर्तव्यों का पालन करें।
 
 
 
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।
2.हमारे मूल कर्तव्य
विकासात्मक प्रश्न –
1. देश के नागरिकों को किस का पालन करना चाहिए?
2 मूल कर्तव्यों के बारे में आप क्या जानते हैं?
छात्राध्यापक कथन-
नागरिकों के मूल कर्तव्य जो संविधान में निर्धारित किए गए हैं वह इस प्रकार है-
संविधान का पालन, उसके आदर्शों, संस्थाओं व प्रतीकों का आदर करना।
 
स्वतंत्रता हेतु राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले आदर्शों का सम्मान करना।
 
भारत की संप्रभुता, एकता व अखंडता की रक्षा व अक्षण बनाए रखना।
 
देश की रक्षा व आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की रोक।
 
समरसता एवं भ्रातृत्व की भावना।
 
हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझना।
 
पर्यावरण की रक्षा करना एवं प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना।
 
सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना।
 
सदैव उत्कर्ष की ओर बढ़ने की भावना रखना।
 
6 से 14 वर्ष के बच्चों को उनके अभिभावकों संरक्षक जेसी भी स्थिति हो शिक्षा के अवसर प्रदान करना।
 
अपने कर्तव्यों का
निरुतर
 
 
 
 
 
आदर व सम्मान की भावना।
 
राष्ट्र की सेवा की भावना।
 
बौध प्रश्न
1 प्रेम के प्रति हमारा क्या कर्तव्य हैं।
2 नागरिकों को कैसा दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए
पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना।
वैज्ञानिक और मानवतावादी।
 
3. अधिकार एवं कर्तव्य में अंतर संबंध
विकासात्मक प्रश्न-
1. अधिकारों से पहले किस का ध्यान रखना चाहिए?
2. कर्तव्य पालन करने से क्या चीज स्वत मिल जाएगी
3. अधिकार व कर्तव्य के संबंध के बारे में आप क्या जानते हैं?
छात्र अध्यापक कथन-
भारतीय संविधान द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक को कुछ मूल अधिकार प्रदान किए हैं साथ ही उसके कुछ मूल करते हुए भी निर्धारित किए गए हैं।
अधिकार और कर्तव्य एक दूसरे के पूरक हैं जैसे संविधान में 6 मूल अधिकारों का वर्णन है वैसे ही 11 मूल कर्तव्य का भी उल्लेख मिलता है। अधिकारों का उपयोग सुलभता से कर सकें इसके लिए यह जरूरी है कि हम अपने कर्तव्य का भी पालन करें।
 
 
कर्तव्यों का
अधिकार
निरूतर
 
बच्चों का शिक्षा का अधिकार अभिभावकों का कर्तव्य है।
 
 
 
 
6 अधिकार व 11 मूल कर्तव्य है।
 
बोध प्रश्न-
1. मूल कर्तव्यों की संख्या कितनी है?
2. भारतीय नागरिकों को संविधान ने क्या दिया है?
 
ग्यारह
मूल कर्तव्य।
 


➤ मूल्यांकन प्रश्न :-

1. संविधान में……. मूल कर्तव्यों का वर्णन है।
2.संविधान में…… मूल कर्तव्यों का भी उ्लेख है।
3.कर्तव्य का अर्थ बताइए।
4.नागरिकों को संविधान में कितने अधिकार प्रदान किए गए हैं।
5.अधिकार व कर्तव्य में अंतर संबंधों का एक उदाहरण दीजिए।
➤ गृहकार्य :-
नागरिकों के मूल कर्तव्य का वर्णन कीजिए?

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