सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर क्लेम कैसे व कितना मिलेगा | road accident death insurance claim in hindi

दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे कि रोड एक्सीडेंट में आपको कितना क्लेम मिलता है और यह क्लेम कैसे मिलेगा। road accident death insurance claim

यह बात बिल्कुल सही है कि मोटर एक्सीडेंट में कंपनसेशन मिलता है पर कंपनसेशन देता है गाड़ी का मालिक न की सरकार या उसकी insurance company देती है।

सबसे इंपोर्टेंट बात यह है कि अगर आप टू व्हीलर या कार चला रहे हैं तो इस बात को इंश्योर करिये कि वह इंश्योर्ड हो।

और कम से कम third party insurance तो जरूर हो। यह अनिवार्य भी है और वैसे भी अपनी सेफ्टी के लिए आपको इंश्योरेंस करवाना चाहिए।

साथ में अपना ड्राइविंग लाइसेंस, अगर आप टू व्हीलर चला रहे है तो टू व्हीलर का होना चाहिए और अगर फोर व्हीलर चला रहे हैं तो फोर व्हीलर का और अगर आप ट्रांसपोर्ट व्हीकल चला रहे तो ट्रांसपोर्ट का एंडोर्समेंट उन पर होना चाहिए।

अगर ऐसी परिस्थिति में एक्सीडेंट होता है कि जब इंश्योरेंस व लाइसेंस की अवधि समाप्त नहीं होती है तो उस क्लेम को देने के लिए इंश्योरेंस कंपनी जिम्मेदार होती है ना कि आप स्वयं। (road accident death insurance claim)

इंश्योरेंस क्लेम कैसे मिलेगा व कितना (How to get insurance claim) –

अब बताती है कि इंश्योरेंस क्लेम कितना मिलेगा और इसकी प्रोसिडिंग क्या होगी। accident claim kaise milta hai

1. मोटर एक्सीडेंट क्लेम के केस में कोई भी टाइम लिमिट नहीं होती है एक्सीडेंट चाहे आप का 1 साल 2 साल या पहले हुआ हो, आप मुकदमा दायर कर सकते है क्लेम प्राप्त करने के लिए।

2. आदमी की आमदनी कितनी है, आपके पास इस बात का प्रूफ होना चाहिए, अगर आपके पास इसका प्रूफ है जैसे- इनकम टैक्स रिटर्न,सैलरी रिटर्न है। तो यह बहुत है हेंडी है और कोर्ट उस हिसाब से कंपनसेशन कैलकुलेट कर लेता है, लेकिन अगर आपके पास यह चीज नहीं है तो कोर्ट यह मानता है कि तीन से ₹4000 महीना नॉर्मल एक आदमी कमाता है।
जिसकी इनकम प्रूफ नहीं है वो दो ₹3000 रुपए महीने तो जरूर कमाता होगा।
और कोर्ट वन थर्ड उसके पर्सनल experiences से डिडक्ट करती है।

जैसे मान लीजिए उदाहरण के लिए –
3000 रुपए आपकी इनकम मानी गई तो सालाना 36000 रुपए इनकम हो गई।
36000 माइनस वन थर्ड तो 12000 कम हो गया ।
अब आपकी एज क्या थी।
मोटर व्हीकल एक्ट में आज का चार्ट दिया गया है जिसको हम एक साधारण तरीके से समझते हैं।
जैसे मान लीजिए आपकी एज 35 से 48 है। तो ऐसे केस में 18 का।
24000x 18 =4,50000 का कंपनसेशन बनेगा।
और यह कंपनसेशन उनके परिजनों को पेबल है।

साबित क्या करना होता है-  (road accident death insurance claim)

साबित यह करना होता है कि यह मोटर कार एक्सीडेंट हुआ था। जिसमें बंदे की डेथ हुई या इंजर्ड हुआ।
Person की death के केस में –
Motor accident जो हुआ है वह आपकी गलती से नही हुआ है बल्कि सामने वाले की गलती से हुआ है यह साबित करना होता है। और हम सारे traffic rules follow कर रहे थे।

कहीं-कहीं ऐसा होता है कि दो वह कल की टक्कर होती है तो ऐसे केस में यह साबित करना होता है कि जो सामने वाला भी कल है जिनके अगेंस्ट हम क्लेम फाइल कर रहे है उसकी गलती है मेरी गलती नहीं है। road accident death insurance claim

एक्सीडेंट कैसे साबित हो?

इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस समय दुर्घटना हो उस समय तुरंत FIR दर्ज की जानी चाहिए अगर f.i.r. तुरंत दर्ज नहीं की गई।
तो delay FIR दर्ज दर्ज करने का रीजन उस f.i.r. में एक्सप्लेन होना चाहिए।
और अगर इसे फायर में रीजन वैलिड होगा तो वह एक्सेप्टेबल है और अगर विजन इनवेलिड है तो वह एक्सेप्टेबल नहीं होगा।

FIR करने के बाद police investigation होता है और पुलिस इन्वेस्टिगेशन करके चार्ज शीट सम्मिट करती है इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पुलिस चार्ज शीट सबमिट करें कहीं ऐसा न हो की वो फाइनल रिपोर्ट सबमिट कर दे ये कहते हुए की इस तरह की कोई दुर्घटना नहीं पाई गई है।

यह आप को मैनेज करना पड़ेगा कि पुलिस जेनुअंली चार्जसीट प्रस्तुत करें और यह अपनी रिपोर्ट में लिखे की दुर्घटना होना पाई गई। और फलाना व्यक्ति इसमें उपस्थित था।

जब इतना हो जाता है तो आपको मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत आप मुकदमा फाइल करेंगे। road accident death insurance claim

यह मुकदमा कहां फाइल करेंगे – road accident death insurance claim

या तो यह मुकदमा owner के एड्रेस पर जहां owner रहता हो या क्लेमेंट के एड्रेस पर या जहां इंश्योरेंस कंपनी बिजनेस करती हो।
दोस्तों इन सभी बातों का ध्यान रखकर आप मोटर व्हीकल क्लेम का फायदा उठा सकते हैं।
 
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इंश्योरेंस क्लेम के लिए इन बातों का रखें ध्यान –

जिस समय दुर्घटना हो उस समय गाड़ी का नंबर नोट कीजिए।
Police में समय पर FIR करवाइए।
दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को प्रॉपर ट्रीटमेंट दिलवाईये।
जो बत्ती गाड़ी चला रहा है उसके पास वैलिड लाइसेंस हो।
इंश्योरेंस के पेपर अपडेट होने चाहिए।
Third party insurance जरूर होना चाहिए। road accident death insurance claim

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