best health insurance
दोस्तों अगर आप एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस (best health insurance) ढूंढ रहे हैं तो आपको इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ना है।
क्या आपको भी यह चिंता रहती है की बीमार होने पर हॉस्पिटल के बिल कैसे pay करेंगे, कैसे खर्चा उठाएंगे तो आपको आज यहां सब बताने वाले हैं।
तो सबसे पहले जानते हैं कि best health insurance plan कितने प्रकार के होते हैं और उनमें से आपको कौन सा चुनना चाहिए –
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1.Accidental cover –
यह insurance लेने पर यदि आपको कभी accident हो जाएं और इस कारण आपको चोट लग जाएं और आप काम पर ना जा पाएं तब यह आपको काम आता है क्योंकि यह आपको मंथली बड़ा इनकम दे देता है।
और इस की अच्छी बात यह है की accident insurance का प्रीमियम बहुत ही थोड़ा होता है।
Life insurance तो हम सभी लेते है वो उस केस में की अगर हमारी जान को कुछ हो जाए तो परिवार सुरक्षित रहे। लेकिन हमें गहरी चोट लगी है और हम बेड पर पड़े है और काम पर नहीं जा सकते, उस केस में accident cover काम आता है या हमे किसी भी प्रकार की डिसेबिलिटी में पैसा देता है जिससे आपका व परिवार का काम चलता रहे।
2. क्रिटिकल इलनेस (Crutical Illness)-
क्रिटिकल इलनेस में यह होता है कि जैसे अगर आपने 2500000 रुपए का कवर लिया है तो उसमें कुछ बीमारियां कवर होती है जैसे कैंसर हार्टअटैक, ट्यूमर आदि।
कभी भी इन 25-26 बीमारियों में से आपको कोई बीमारी हो जाती है तो जैसे ही हॉस्पिटल या डॉक्टर का सर्टिफिकेट देखेगा की आपको यह बीमारी हो गई है आपको सीधा ही एक बार में 2500000 रुपए दिए जाएंगे और बाद में आप उससे अपने खर्चे चलाते रहिए।
क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी आपको इसलिए लेनी चाहिए क्योंकि इसमें आपको हॉस्पिटल के खर्चों का बिल या कोई प्रूफ देना नहीं है प्रूफ ऑफ डायग्नोस ही काफी है।
3. Mediclaim या pure health insurance-
यह insurance आपके दवाइयों,हॉस्पिटल और डॉक्टर के खर्चों से निपटने के लिए बहुत अच्छा है।
अगर आप ₹500000 काम मेडिक्लेम ले लेते हैं तो जब भी आपको हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़े 1 दिन से ज्यादा तो हॉस्पिटलाइजेशन के समय आप के जितने भी खर्च आएंगे। और उसके कुछ महीनों बाद तक आप की दवाइयों का जो भी खर्चा आएगा वह भी इसमें मेडिक्लेम से पूरा हो जाएगा इसलिए आपको यह हॉस्पिटल के खर्चों के लिए जरूर लेना चाहिए।
Health insurance को लेकर बहुत confusion होता है समझ में नहीं आता की कोनसा इंश्योरेंस ले और कौन सा नहीं लें।
How to choose best health insurance-
यहां पर आज हम बताएंगे की आपको कोनसा इंश्योरेंस लेना चाहिए –
best health insurance लेने से पहले किन किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए-
1.Pre and post Hospitalization-
एडमिट होने से तथा बाद में आपके जो भी medical खर्चे हुए है उनको यह policy cover करती है तो यूजुअली एक अच्छी पॉलिसी वह है जो कम से कम 30 दिन हॉस्पिटलाइजेशन के पहले के सारे खर्चे और अगले 90 या 120 दिन के खर्चों को कवर करें ताकि आप तीन चार महीनों के बीमारी के खर्चे सारे कवर हो जाए।
2.PREMIUM-
हम पॉलिसी बाजार या किसी और वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं कि 5 लाख या 4 लाख जितना भी कवर लेना चाहते है उसमे अलग-अलग कंपनी कितना इंश्योरेंस प्रीमियम आ रहा है।
प्रीमियम में काफी डिफरेंस होता है इसलिए आप प्रीमियम में काफी पैसे बचा सकते हैं।
3.Bed Charges-
हॉस्पिटल्स में बेड चार्जेस या रूम चार्ज इसमें यह होता है कि आपको यह देखना है कि आपकी पॉलिसी में सिंगल प्राइवेट रूम के एक्सपेंसेस अलाउड है कई पॉलिसिया ऐसी होती है जो कहती है कि हम चार्जेस तो देंगे लेकिन सिर्फ तभी जब आप टू इन वन शेयर रूम, ट्रिपल शेयर रूम, जनरल रूम आदि रूम लेंगे।
अगर आप प्राइवेट रूम लेंगे तब हम उस रूम का पैसा नहीं देंगे। यहां केवल प्राइवेट रूम की बात नहीं है कई बार ऐसा देखा गया है कि रूम जितना अच्छा हो इलाज भी उतना अच्छा मिलता है जनरल वार्ड के मरीजों को हो सकता है उतना अच्छा इलाज ना मिले जितना सिंगल रूम वालों को मिले।
ऐसे मैं आपको यह भी देखना है कि पॉलिसी में जरूर सिंगल रूम में रहने का खर्चा भी कवर होता हो कम से कम 4 या ₹5000 तक।
4.CLAIM SETTLEMEENT-
अगर आप हॉस्पिटल में एडमिट है और कंपनी से आप कवर मांगेंगे की आपके कितने खर्चे है। तो कितने प्रतिशत चांस हैं कि वह कंपनी आपको पैसे देगी।
उन कंपनियों को प्राथमिकता दी जिनका क्लेम सर्टिफिकेट ज्यादा है।
कई बार ऐसा होता है कि हम प्रीमियम देखकर पॉलिसी ले तो लेते हैं लेकिन जब जरूरत पड़ती है तो इंश्योरेंस कंपनी पैसे देती ही नहीं तो ऐसे में कम प्रीमियम की पॉलिसी लेना तो बेकार जाता है।
5. TIE-UPS WITH HOSPITAL-
आपको यह देखना है कि जो पॉलिसी आप ले रहे हैं उस इंश्योरेंस कंपनी का आपके आसपास के अच्छे हॉस्पिटल के साथ टाइप्स है कि नहीं जिससे आपको कैशलैस सुविधा मिल पाएगी।
अलग-अलग कंपनियों का अलग निक हॉस्पिटल्स के साथ टाईअप होता है तो अगर आप जिस हॉस्पिटल में एडमिट होंगे तो उनके साथ आपके इंश्योरेंस कंपनी का टाई अप नहीं है तो क्लेम प्रोसेस काफी लंबा हो जाता है पहले आपको अपनी जेब से पैसे देने पड़ते हैं फिर इंश्योरेंस कंपनी के पास खर्चों का ब्यौरा देना पड़ेगा और फिर पैसा मिलते मिलते आपको दो-तीन महीने लग जाते हैं ऐसे में आपको CASH की प्रॉब्लम हो सकती है।
ऐसे में यह देखना है कि जो पॉलिसी आप ले रहे हैं उसका ज्यादा से ज्यादा हॉस्पिटल्स के साथ आपके शहर में टाइअप हो ताकि शुरू में भी आपको पैसा देना ही ना पड़े आपका पूरा खर्चा सीधे ही इंश्योरेंस कंपनी उठाए।
6. IN HOUSE CLAIM SETTLEMENT-
एक जरूरी चीज पर ध्यान देना है कि इंश्योरेंस कंपनी केवल वह चुने जिनका क्लेम सेटेलमेंट थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेशन से ना हो।
S.N. | INSURER | OVERALL SCORE |
---|---|---|
1 | Apollo Munich Health Insurance | 77.50% |
2 | ICICI Lombard General Insurance | 75.00% |
3 | HDFC Ergo General Insurance | 73.75% |
4 | Religare Health Insurance | 72.50% |
तो दोस्तों आपको कौनसी insurance policy लेनी चाहिए इसका कोई क्लियर आंसर नहीं है जैसे के Life insurance हो या mutual funds हो मैने आपको सीधा ही रिकॉम्डेट कर दिया।
लेकिन मेडिकल insurance का कोई क्लियर जवाब नही है यह निर्भर करता है आपके शहर में, आप किस शहर में कौन से इंश्योरेंस कंपनी के हॉस्पिटल्स में सबसे ज्यादा टाइप्स हैं तो यह बहुत सारी चीजों पर निर्भर करता है इसलिए इसका कोई सटीक आंसर नहीं है।
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