जीरो डेप्थ इन्शुरेन्स क्या होता है | No Claim Bonus क्या होता है | zero dep car insurance

zero dep car insurance क्या होता है –

 आज इस पोस्ट में हम बात करेंगे जीरो डिप्रेशिएशन (zero dep car insurance) की क्योंकि दोस्तों हम जब भी insurance करवाते हैं तो यह आपको काफी बार सुनने को मिलेगी कि जीरो डेप करवालो, जीरो डिप्रेशिएशन करवा लो या फिर निल डेप करवा… तो आज के इस पोस्ट में हम पूरा डिटेल से जानेंगे।

zero dep car insurance meaning in hindi-

दोस्तों जीरो डेप एक तरह का ऐड ऑन होता है ऐडऑन मतलब एक प्रकार एडिशनल टॉप अप होता है आपके first party insurance का। 

दोस्तों मैंने first party insurance व third party insurance के ऊपर पोस्ट बनाई है जिसमें एक चीज बताई है कि फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस में क्या-क्या चीज है क्या क्या रिस्क कवर होंगे और थर्ड पार्टी में क्या क्या रिस्क कवर होंगे इसलिए पहले आप उन पोस्ट को पढ़ ले ताकि आपको यह पता चल सके की जीरो डेप होता क्या है ..

बाकि में आपको बताऊं की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या होता है -कि अगर मान लो की मेरी गाड़ी है और मैंने कोई एक्सीडेंट कर दिया तो उस केस में, मान लो किसी दूसरे इंसान की जान माल का कोई नुकसान हो जाता, उसके गाड़ी का उसकी प्रॉपर्टी का नुकसान हो जाता है तो वह थर्ड- पार्टी -इंश्योरेंस के तहत कवर होता है।

zero depreciation insurance meaning in hindi

 और दोस्तों फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के अंदर मेरा वो नुकसान तो कवर होगा ही होगा और मेरी अपनी गाड़ी का जो डैमेज होता है, इनकेस ऑफ़ एक्सीडेंट या किसी भी मिसआप के अंदर, तो उसने मेरी गाड़ी का डैमेज भी फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के अंदर कवर होता है।

थर्ड पार्टी दोस्तों कंपलसरी होता वह आपको करवाना ही करवाना पड़ेगा अगर आपको गाड़ी रोड पर चलानी है और फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस आपकी चॉइस होती कि आप करवाना चाहें तो करवा सकते हैं नहीं करवाना चाहें तो आप छोड़ भी सकते हैं।

तो दोस्तों फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस अगर करवाते थे आप, उस केस में आपकी गाड़ी का जो डैमेज होगा वह इंश्योरेंस कंपनी कवर करती है लेकिन उसके अंदर एक अलग से चीज Insurance company यूज करती है वह होता है डिप्रेशिएशन।

तो डिप्रेशिएशन क्या होता है मान लो आज हम कोई भी चीज मार्केट से लेकर आते हैं कोई भी चीज जो आपने यूज की, तो ओवर the टाइम उसके अंदर विअर एंड टियर होता है यानी कि आप उसको यूज करते हो और यूज के दोरान थोड़ा बहुत नुकसान जरूर होता है उसके अंदर ओवर आल डेमेज हो जाता है तो उसको हम डिप्रेशिएशन बोलते हैं।

ओवर द टाइम उस चीज की वैल्यू घट जाएगी। 

तो दोस्तों उसी तरह जब मान लो मेरी गाड़ी का एक्सीडेंट होता है उस केस में मेरी गाड़ी के जितने भी पार्ट्स है उनके अंदर कोई न कोई  डिप्रेशिएशन जरुर हुआ होगा उस डिप्रेशिएशन की वैल्यू insurance कम्पनी नही देती।  

मान लो मेरी गाड़ी में कोई 100 रुपए की चीज लगी हुई है ओवर द टाइम 1 साल बाद उसका डिप्रेशिएशन वैल्यू इंश्योरेंस कंपनी ने सेट कर रखा है  की 1 साल के बाद इसका 30% जो है वो नुकसान हो जाएगा तो अब एक साल बाद अगर कोई एक्सीडेंट होता है तो कंपनी मुझे 70 रूपए ही देगी जबकि मेरे 100 रूपए लगे हैं हालाँकि मैंने फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस करवा रखा है उसके बावजूद भी मुझे 70 रूपए ही मिलेंगे।

इस को कवर करने के लिए zero dep car insurance के नाम से एक अलग से ऐडऑन बनाया गया जिसके लिए आपको अलग से प्रीमियम देना पड़ता है फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस मे, ताकि आपकी गाड़ी के अंदर अगर कल को कोई मिसटेक हो जाती है तो उसमें डिप्रेशिएशन काउंट नहीं होगा और इसकी एक टाइम लिमिट होती है।

जब आप नई गाड़ी लेते हो तो अगले 5 साल तक आप जीरो डिप्रेशिएशन ले सकते हैं यानी कि अगले 5 साल तक कोई भी नुकसान हो आपकी गाड़ी में आपको उसके बारे में सोचने की जरूरत नहीं है तो जीरो डिप्रेशिएशन ऐड ऑन होता है।

दोस्तों हमें दो-तीन पॉइंट के बारे में सोचना होगा हैं –

नो क्लैम बोनस पॉइंट (no clam bonus point)-

इसका मतलब क्या होता है मान लो मैंने insurance करवाया है और इस साल मेरी गाड़ी को कोई भी एक्सीडेंट नहीं हुई और मैंने कोई भी क्लेम Insurance company से नही लिया है इसका मतलब है की मैंने कंपनी का फायदा करवाया है और हो सकता है की में कम्पनी का बहुत जयादा नुकसान करवा देता …

मान लो मैंने 30000 का मैंने फर्स्ट पार्टी insurance लिया था और मान लो मैंने 40000 का क्लेम कर दिया तो अल्टीमेटली जितना कम्पनी ने मुझसे जितना लिया था उससे ज्यादा का तो मैंने नुकसान कर दिया तो कंपनी मुझे लाभ देगी दिया तो जो लोग इसको यूज नहीं करते हैं उसके लिए कंपनी ने एक रेवोर्ड पालिसी बनाई है यानि मैंने insurance नही लिया  तो कंपनी मुझे कुछ बेनिफिट देगी। 

ये बेनिफिट क्या होता है की मान लो इस साल मैंने कोई भी insurance नही लिया लेकिन अगले साल जब मैं insurance Renew करवाउंगा तो उसके अंदर एक प्रिमियम होता उसके अंदर एक कॉम्पोनेंट होता है विकल ओन डैमेज का मतलब आपकी गाड़ी का जो नुकसान, उसका कॉम्पोनेंट का कुछ परसेंटेज मुझे PAY नहीं करना पड़ेगा। 

यह शुरू में  10% 20% एंड 30% यह मैक्सिमम 50% तक आपके ऑन डैमेज का जो कंप्लेंट होता है
उसका मेरे को रिबेट मिल जाता है और वह मुझे PAY नहीं करना पड़ता तो इसको बोलते हैं नो क्लेम बोनस।

और दोस्तों कुछ टाइम पहले तक आप 1 – साल के अंदर दो बार ही क्लेम कर सकते थे जो भी आपका डैमेज हुआ है लेकिन ओवर द टाइम आईआरडीए जो इनके रेगुलेटिंग अथॉरिटी है यह एक नियम लेकर आई है जो की 1 साल के अंदर जितना मर्जी बार आप का नुकसान हुआ उतनी बार आप क्लेम कर सकते हैं तो पहले आपके ऊपर एक रिस्ट्रेकशन थी
और इसी वजह से जब पहले छोटे एक्सीडेंट होते तो जो भी नुकसान होता था वह आप कवर नहीं करते नहीं करते थे Insurance company से, ताकि कल को अगर कोई बड़ा एक्सीडेंट हो गया तो वह क्लेम नहीं कर सकते  बट आज के दिन यह पॉलिसी लागु नही होती है  अब 365 दिन में 365 क्लेम कर सकते हैं।


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