भारत के संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य | educational aims as derived from the constitution of India

भारत के संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य

educational aims as derived from the constitution of India

संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य

भारत के संविधान से प्राप्त प्रमुख, शैक्षणिक उद्देश्य निम्नलिखित हैं—

सम्प्रभुता

भारत के संविधान में वर्णित शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य सम्प्रभुता है-

संविधान की उद्देश्यिका में सम्प्रभुता की घोषणा द्वारा नागरिकों को पूर्ण राजनीतिक स्वतन्त्रता दी गई है।

 

समाजवाद

समाजवाद शब्द को संविधान में 42वें संशोधन (1976) में जोड़ा गया था।
विभिन्न सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक विषमता के बाद भी हमारे देश में समाजवादी विचारधारा को जीवन-शैली के रूप में लिया गया है। संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य
शिक्षा द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को अपने कल्याण के लिए समान अवसर प्रदान किये गये हैं।

 

पंथनिरपेक्षता

विश्व में सर्वाधिक पंथ भारत में हैं। सभी पंथों के अनुयायियों को एक साथ सम्मिलित रूप से जोड़ने के लिए संविधान में स्पष्ट रूप से पंथ निरपेक्षता को स्थान दिया गया है।

शिक्षा के द्वारा सर्वधर्म समभाव विकसित करके इस उद्देश्य की प्राप्ति की जा सकती है।

लोकतन्त्र

भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है। इसके प्रत्येक नागरिक को शिक्षा द्वारा लोकतान्त्रिक जीवन-शैली के लिए तैयार करना संविधान प्रदत्त उद्देश्य है।

लोकतान्त्रिक मूल्यों को विकसित करने के लिए शिक्षा का पाठ्यक्रम तदानुसार निर्माण कर कक्षा-कक्ष एवं इससे इन अनुभवों को प्रदान करने का उद्देश्य संविधान से ही प्राप्त है । संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य

 

न्याय

भारत में प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक रूप से न्याय प्राप्त करने का अधिकार संविधान की विभिन्न धाराओं द्वारा दिया गया है।
शिक्षा भारतीय नागरिकों को न्याय प्राप्ति के लिए तथा न्याय आधारित आचरण करने के लिए तैयार करती है।

 

स्वतंत्रता

हमारे मूलभूत अधिकारों में संविधान द्वारा स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है।
विचरण संभाषण इत्यादि हेतु नागरिक स्वतंत्र है किन्तु इस स्वतंत्रता का उपयोग सीमित रहकर कैसे करना है, यह शिक्षा सिखाती है। संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य

 

समानता

संविधान की दृष्टि में प्रत्येक नागरिक समान है। रंग, वर्ण भेद, समुदाय, आर्थिक स्तर इत्यादि के आधार पर
किसी के साथ पक्षपात नहीं करने की शिक्षा प्रदान करने का निर्देश संविधान देता है। समानता की शिक्षा का उद्देश्य भी संविधान प्रदत्त है। संविधान से प्राप्त  से शैक्षणिक उद्देश्य

भ्रातृत्व

व्यक्तिगत सीमाओं से आगे जाकर सम्पूर्ण मानव मात्र के लिए सम्मान की भावना का उदात्त स्वरूप संविधान प्रदत्त भ्रातृत्व के उद्देश्य में दिखाई देता है। संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य

पारस्परिक सहयोग, भाईचारा, सामाजिक, संवेदनशीलता इत्यादि को विकसित करने के लिए यह भावना शिक्षा के उद्देश्य के रूप में स्वीकार की जाती है। संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य

 

विश्व शान्ति

संविधान से प्राप्त एक अन्य उद्देश्य विश्व शान्ति का भी है। वर्तमान समय में अन्य राष्ट्रों के मूल्यों का सम्मान करते हुए मानव मात्र के कल्याण के लिए पारस्परिक शान्तिपूर्ण सहभागिता की स्थापना के लिए इस उद्देश्य को लिया गया है। संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य

संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य

राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता-

हमारा संविधान सम्पूर्ण भारत राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोये रखने के लिए विभिन्न धाराओं में प्रावधान प्रस्तुत करता है।
राष्ट्रीय एकीकरण का उद्देश्य भी संविधान प्रदत्त शिक्षा का उद्देश्य है।
राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता को बनाये रखने के लिए संवेगात्मक भावना का विकास शिक्षा करती है।

संविधान से प्राप्त से शैक्षणिक उद्देश्य 

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