आधुनिक भारतीयआधुनिक भारतीय समाज के लिये शिक्षा के क्या उद्देश्य व ध्येय
What should be the aims and objectives of education for modern Indian society
शिक्षा समाज के लिए क्यों आवश्यक है?
शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है।
हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं।
शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है।
शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है।
आधुनिक भारतीय शिक्षा के उद्देश्य व ध्येय-
आधुनिक भारतीय समाज को विकासशील समाज माना गया है अत: विकासशील समाज की क्या आवश्यकताएँ एवं आकांक्षाएँ होती हैं?
इसको ध्यान में रखकर शिक्षा के उद्देश्यों की रूपरेखा भारतीय समाज के लिए बनाई जानी चाहिए।
हमारा देश 68 वर्षों पूर्व ही परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त हुआ है।
एक तरफ आजादी को बनाये रखकर भारतीयों में एकता रहे और दूसरी तरफ विश्व की बढ़ती हुई प्रगति की दौड़ में भी आगे निकलने के लिए शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए।
यह हमारी आवश्यकता भी है, साथ ही आकांक्षा भी।
इसके अनुसार हमारी शिक्षा के उद्देश्य मुख्य रूप से इस प्रकार होने चाहिए अथवा प्रजातांत्रिक देश के लिये उद्देश्य-
शिक्षा समाज के लिए क्यों आवश्यक है?
1. प्रजातांत्रिक नागरिकता का विकास-
भारत में ही नहीं वरन् पूरे विश्व में आज प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली प्रचलित है।
प्रजातंत्र की सफलता नागरिकों पर निर्भर करती है अतः हमारी शिक्षा का सबसे पहला और मुख्य उद्देश्य प्रजातांत्रिक नागरिकता का विकास करना है।
नागरिकों का सर्वांगीण विकास हो, इस प्रकार की शिक्षा व्यवस्था होना आवश्यकता है।
प्रजातंत्र को केवल शासन का रूप ही नहीं माना जाता। प्रजातंत्र जीवन के सभी क्षेत्रों में होना चाहिए।
2. व्यक्तित्व का विकास–
शिक्षा का यह उद्देश्य सर्वव्यापक है कि शिक्षा के द्वारा बालक के व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास होना चाहिए।
बालक के व्यक्तित्व का सभी दृष्टिकोणों से (शारीरिक मानसिक, शैक्षिक, सामाजिक, नैतिक आदि) विकास करना शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है।
3. व्यावसायिक सफलता—
शिक्षा का मुख्य उद्देश्य बालक को अपने व्यावसायिक जीवन में सफलता प्राप्त करना भी है।
औद्योगिक एवं वैज्ञानिक युग में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यावसायिक दृष्टि से पूर्ण प्रशिक्षित करना है।
परम्परागत व्यवसायों में परिवार द्वारा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त हो जाती थी
लेकिन आधुनिक युग में परिवार द्वारा यह शिक्षा दी जानी संभव नहीं है।
4. नेतृत्व का विकास-
भारतीय समाज के विकास के लिए नेतृत्व का अच्छा विकास होना भी आवश्यक है।
देश की सफलता बहुत कुछ नेतृत्व पर ही निर्भर करती है।
विद्यालय, महाविद्यालय आदि में सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक दोनों प्रकार की नेतृत्व की शिक्षा दी जानी चाहिए।
शिक्षण संस्थाओं की विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाओं के माध्यम से नेतृत्व का अच्छी प्रकार से विकास किया जा सकता है।
5. तार्किक शक्ति का विकास-
भारत में ही नहीं वरन् सभी देशों की शिक्षा का उद्देश्य अपने यहाँ के नागरिकों में तार्किक शक्ति का विकास करना है।
तार्किक शक्ति के द्वारा ही व्यक्ति सही व गलत में अन्तर करके सही निर्णय करने की क्षमता का विकास करता है
6. मानवता की भावना-
शिक्षा के द्वारा व्यक्ति में मानवता की भावना का विकास किया जाता है। भारत तो प्राचीन काल से ही ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का समर्थक रहा है। शिक्षा समाज के लिए क्यों आवश्यक है?
मानव मात्र के प्रति सम्मान रखना व सहयोग देना, समाज की उन्नति में ही अपनी उन्नति समझना आदि भावनाओं का विकास करना, शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए।
7. समस्याओं के प्रति जागरूकता –
हमारे देश की शिक्षा का उद्देश्य यह भी होना चाहिए कि प्रत्येक बालक अपने देश की समस्याओं के साथ-साथ विश्व की समस्याओं के प्रति भी जागरूक रहे।
यदि बालकों की इन समस्याओं के प्रति प्रारम्भ से ही रुचि जागृत हो जायेगी तो फिर भविष्य में भी इन समस्याओं को समझ सकेंगे और उनके प्रति सही दृष्टिकोण विकसित कर सकेंगे।
8. आध्यात्मिक मूल्यों का विकास-
हमारे देश में प्राचीन काल से आध्यात्मिकता को महत्त्व दिया जाता है।
आध्यात्मिक व नैतिक शिक्षा की आवश्यकता पूर्व की तुलना में आज अधिक महसूस की जा रही है।
अत: हमारी शिक्षा के उद्देश्यों में व्यक्ति को नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा देने की भी उच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
9. सामाजिक परिवर्तन के प्रति उचित दृष्टिकोण-
हमारा समाज बहुत प्राचीन है। शिक्षा समाज के लिए क्यों आवश्यक है?
प्राचीनता के कारण हमारे समाज में अनेक कुप्रथाओं व जड़ताओं का भी धीरे-धीरे विकास हो गया।
अत: हमारी शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य यह भी होना चाहिए कि हम बदलते हुए परिवेश को समझें।
सामाजिक परिवर्तन के प्रति उचित दृष्टिकोण का विकास का ही भारतीय शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।
इस प्रकार भारतीय समाज के लिए शिक्षा के उद्देश्यों में इन विशिष्टताओं को ध्यान में रखना हो।
हमारी शिक्षा के उद्देश्यों में प्रजातांत्रिक, समाजवादी, धर्म निरपेक्षता की भावना मुख्य आधार होनी चाहिए।
वैश्वीकरण के सन्दर्भ में शिक्षा के बदलते उद्देश्य
Write short note on changing aims of education in the context of global- ization.
1.कार्यकुशलता में वृद्धि करना ।
2.वैज्ञानिक चिन्तन व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना ।
3.विश्व बन्धुत्व में बाधक तत्त्वों को समाप्त करना ।
4.उत्पादन का विकास करना।
5.आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना।
6.विश्व लोकतांत्रिकता का विकास करना ।
7.कार्यनिष्ठा का विकास करना।
8.शिक्षा को उत्पादन से जोड़ना ।
9.शांति शिक्षा को बढ़ावा देना।
10.व्यावसायिक प्रतिस्पर्द्धा क्षमता का विकास करना।
11.आधुनिकीकरण एवं औद्योगीकरण प्रक्रिया को गति देना।
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