युवा असन्तोष को कम करने में विद्यालय की भूमिका | Explain role of school in reducing youth unsatisfaction

युवा असन्तोष को कम करने में विद्यालय की भूमिका
role of school in reducing youth unsatisfaction

 

युवा असन्तोष को कम करने में विद्यालय की भूमिका (Role of school in reducing youth unsatisfaction)- युवा असन्तोष को कम

यद्यपि छात्र असन्तोष को कम करने के लिए सम्पूर्ण समाज को ही प्रयत्न करने आवश्यक हैं परन्तु फिर भी इस दिशा में विद्यालय का दायित्व सर्वप्रमुख है। इस हेतु विद्यालय अपने दायित्व का निर्वाह निम्नलिखित कार्यों के माध्यम से पूरा कर सकता है—

1. विद्यालय में सैद्धान्तिक विषयों के साथ-साथ व्यावसायिक एवं व्यावहारिक पक्ष के लिए शिक्षण कार्य की भी व्यवस्था करनी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में इस ओर ध्यान दिया गया है।

2. विद्यालय में परीक्षा प्रणाली में परिवर्तन किया जाये। सामयिक परीक्षाओं की व्यवस्था दी जानी चाहिए जिससे छात्र सम्पूर्ण सत्र में अपने को अध्ययन कार्य में व्यस्त रख सकें। साथ ही परीक्षा सम्बन्धी कार्यों में सख्ती बरतना आवश्यक है।

3. विद्यालय में प्रवेश देने में किसी प्रकार का पक्षपात नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही सम्भवतया: छात्रों को उनकी रुचि के विषयों में प्रवेश देना चाहिए।

4. कक्षा में छात्रों की संख्या सीमित रखनी चाहिए, साथ ही विद्यालय में छात्रों के साथ- साथ योग्य अध्यापकों की संख्या भी बढ़ानी चाहिए।

5. विद्यालय में छात्रों तथा अध्यापकों के मध्य सम्बन्धों में मधुरता लाने के प्रयत्न करने चाहिए तथा विद्यालय के वातावरण को सौहार्द्रपूर्ण बनाये रखना चाहिए ।

6. विद्यालय में आवश्यक भौतिक साधन-सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए।

7. विद्यालय में पाठ्य-सहगामी क्रियाओं की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे छात्र अपनी अतिरिक्त शक्ति एवं समय का सदुपयोग कर सकें। युवा असन्तोष को कम

8. अध्यापकों एवं प्रधानाध्यापक को अपने आपको छात्रों के समय आदर्श रूप में रखना चाहिए।

9. विद्यालय में नैतिक एवं चारित्रिक शिक्षा की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

10. विद्यालय में छात्रों के लिए शैक्षिक एवं व्यावसायिक मार्गदर्शन की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

11. विद्यालय में अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक को छात्रों के अभिभावकों से लगातार सम्पर्क बनाये रखना चाहिए तथा उनकी समस्याओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श कर उनका समाधान करने का प्रयत्न करना चाहिए।

12. छात्रों में श्रम के प्रति निष्ठा एवं सम्मान की भावना विकसित करनी चाहिए जिससे छात्रों की भविष्य में रोजगार प्राप्ति की समस्या काफी हद तक दूर हो जायेगी ।

13. छात्रों को संभवतया राजनैतिक दलों से दूर रखने के प्रयत्न करने चाहिए।

14. छात्रों को हमारे प्राचीन मूल्यों, सभ्यता एवं संस्कृति से परिचित कराना चाहिए। इसके लिए विद्यालय में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाने चाहिए जिनमें भारतीय संस्कृति का समावेश हो। युवा असन्तोष को कम

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