भूगोल का महत्व | विद्यालयीय पाठ्यक्रम में भूगोल की आवश्यकता एवं महत्व | need and importance of Geography

विद्यालयीय पाठ्यक्रम में भूगोल की आवश्यकता एवं महत्व

Need and importance of Geography in school curriculum

 

भूगोल एक ऐसा विषय है भूगोल का महत्व विद्यालय पाठ्यक्रम में ही नहीं बल्कि मानव जीवन में भी बहुत अधिक महत्त्व है। भूगोल के उचित ज्ञान के अभाव में मानव किसी भी क्षेत्र में अपने आप को असहाय ही पायेगा । अतः कहा जा सकता है कि भूगोल के बिना मनुष्य की शिक्षा अधूरी है। चाहे हम किसी छोटी भौगोलिक इकाई की बात करें..भूगोल का महत्व

या विश्व मंच की भूगोल का ज्ञान अत्यावश्यक है। भूगोल ऐसा विषय है जो किसी देश, महाद्वीप या सम्पूर्ण पृथ्वी के अलावा अन्तरिक्ष की भी जानकारी देता है।

प्रो. एटवुड ने विद्यालय पाठ्यक्रम भूगोल के स्थान को उचित ठहराते हुए कहा है कि भूगोल का महत्व

“भूगोल” के अतिरिक्त प्राथमिक पाठ्यक्रम में ऐसा कोई भी विषय नहीं है जो स्वाभाविक रूप से और आवश्यक रूप से आज की विश्व समस्याओं पर प्रकाश डाल सके। भूगोल का महत्व

भूगोल का महत्व

भूगोल का महत्त्व निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट है

  1. धरातल से सम्बन्धित जानकारी-

मानव जहां निवास करता है उसके आसपास पर्वत, नदियां, तालाब, कृषि पैदावार, वनस्पति के प्रकार आदि सभी की जानकारी प्राप्त करना मनुष्य का स्वभाव है, इस सभी की जानकारी मनुष्य को भूगोल ही दे सकता है। इस तरह की जानकारी को हासिल करने के बाद हम विद्यालय पाठ्यक्रम में रखते हैं ताकि छात्रों का ज्ञान इन चीजों के प्रति विकसित हो सके ।

 

  1. प्राकृतिक सम्पदा का ज्ञान-

पृथ्वी पर जितनी प्रकार की सम्पदा मौजूद है उस
सबकी जानकारी हमें भूगोल के द्वारा ही प्राप्त होती है। वन, भूमि, खनिज पदार्थों के संरक्षण
आदि का ज्ञान हमें भूगोल के द्वारा ही प्राप्त होता है

  1. इतिहास को समझने में सहायक-

यदि हमें भूगोल का ज्ञान नहीं है तो इतिहास का अध्ययन अरुचिकर प्रतीत हो जायेगा।

भूगोल का ज्ञान इतिहास की घटनाओं को सजीवता प्रदान करता है।

राष्ट्र के अतीत को, वर्तमान को तथा भविष्य को समझने में मदद करता है।

विद्यालय पाठ्यक्रम में भूगोल का महत्व इस दृष्टि से बढ़ जाता है भूगोल का महत्व

  1. जीविकोपार्जन में सहायक-

एक कुशल उद्योगपति को यदि यह जानकारी है कि इस क्षेत्र में अमुक प्रकार का कच्चा माल प्राप्त होता है तो उस क्षेत्र में उसी तरह के उद्योग विकसित किए जाएं तो उद्योग अधिक विकसित हो सकता है।

इस तरह की जानकारी भूगोल के द्वारा ही हासिल की जा सकती है तभी कोई उद्योग अधिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस तरह का ज्ञान पाठ्य पुस्तकों में रखना अनिवार्य है।

 

  1. प्रकृति के प्रति प्रेम-

धरातल पर कहीं झरने, हिमाच्छादित चोटियां, कलकल करती नदियां, हरे-भरे वन, झीलें हरे-भरे खेत, प्राकृतिक सौन्दर्य आदि के बारे में भूगोल ही विस्तार से जानकारी दे सकता है। इस सब के बारे में जानकारी मिलने पर भूगोल के प्रति अनुराग उत्पन्न होता है। भूगोल का महत्व

 

  1. अन्योन्याश्रय की भावना का विकास-

आज विश्व का कोई भी देश अपने आप में आत्मनिर्भर नहीं है। वह किसी न किसी क्षेत्र में दूसरे देशों पर निर्भर रहते हुए अपनी आवश्यकता की पूर्ति करते हैं। इससे एक देश की दूसरे देश के प्रति मदद की भावना बढ़ती है तथा व्यापार बढ़ता है। इस प्रकार विद्यालय पाठ्यक्रम में भूगोल छात्रों को आयात-निर्यात का ज्ञान कराता है। इससे छात्रों में भी अच्छी नागरिकता का विकास होता है।

 

  1. राष्ट्र-प्रेम की भावना का विकास-

भूगोल का अध्ययन छात्रों में राष्ट्र के प्रति अगाध प्रेम विकसित करता है। जब छात्र अपने देश के प्राकृतिक व रमणीय स्थानों, ऊंचे पर्वतों, विशाल नदियों, सदाबहार व मूल्यवान वनस्पति, जल संसाधन, खनिज संसाधन आदि के बारे

में जानकारी हासिल करता है तो उसकी भावना राष्ट्र के प्रति गहरी हो जाती है। इससे हमारी एकता बढ़ती है। इसीलिए भारत विविधता में एकता वाला राष्ट्र कहलाता है। भूगोल का महत्व

 

  1. कौशल का विकास-

भूगोल अध्ययन में जब बालक मानचित्रों ग्लोब आदि का अध्ययन करता है तो वह देखकर उनको समझने का प्रयास करता है, इससे निरीक्षण शक्ति बढ़ती है इससे बालक अपनी जिज्ञासाओं की पूर्ति कर प्रसन्नता महसूस करता है ।

इस प्रकार कहा जा सकता है कि विद्यालय में पाठ्यक्रम में भूगोल शिक्षण का महत्त्व बहुत अधिक है। भूगोल का महत्व


 

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