भूगोल शिक्षण को प्रभावपूर्ण बनाने के लिए भूगोल शिक्षण के लक्ष्य/उद्देश्य

प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तरों पर भूगोल शिक्षण उद्देश्य

कक्षा शिक्षण द्वारा एक शिक्षक भूगोल शिक्षण उद्देश्य की प्राप्ति 

Aims of teaching Geography at primary and secondary

Teacher achieve these aims through classroom teaching

 

भूगोल शिक्षण को प्रभावपूर्ण बनाने के लिए भूगोल शिक्षण के लक्ष्य निर्धारित करने अत्यन्त आवश्यक हैं

1. Bhugol अध्यापन का लक्ष्य छात्रों में उन ग्रहण क्षमता को विकसित करना है जिसके द्वारा स्थानीय स्तर से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक निरन्तर आवश्यक पारस्परिक सहयोग की प्रवृत्ति तथा उसकी आवश्यकता का अनुधावन करना सम्भव हो सके। पारस्परिक सहयोग के अभाव में मानव एकताबद्ध नहीं हो सकते हैं।

  1. भूगोल का लक्ष्य मानव जीवन में उन्नति तथा प्रगति के लिए किए जाने वाले प्रयास, उपलब्धि, विश्व में विकसित हो रही विविध समस्याएं तथा उनके समाधान आदि के प्रति जागरुकता को विकसित करना है 1
  1. जियोग्अराफी अध्यापन का लक्ष्य विश्व के विभिन्न क्षेत्र तथा प्रदेशों के निवासियों के विविध तथा विचित्र जीवनयापन प्रणालियों, आचार-व्यवहार, परम्परा और विश्व धरोहर के प्रति सहानुभूतिपूर्ण ज्ञान अर्जित करना है।
  1. भूगोल एक ऐसा विषय है जिसमें विज्ञान तथा काल दोनों ही विषयों का समन्वय है। भूगोल ही ऐसा विषय है जो दुनिया में घटनाएं घटित होती रही हैं उनके बारे में सही ढंग से समझने का मौका देता है। प्रकृति और पर्यावरण के साथ मानवीय समायोजन की आवश्यकता एवं महत्त्व को समझना आज अत्यावश्यक है जिसे भूगोल शिक्षण पूरा कराने में समर्थ है।

 

प्राथमिक स्तर पर भूगोल शिक्षण के उद्देश्य –

  1. ज्ञानात्मक उद्देश्य प्राथमिक स्तर के बालक किसी बात को जानने के प्रति अधिक जिज्ञासु होते हैं अतः उन्हें उनके आस-पास हो रही घटनाओं जैसे-मौसम परिवर्तन, दिन-रात का बनना, वर्षा होना आदि का भूगोल के माध्यम से ज्ञान कराने का उद्देश्य होता है जिससे वह अपनी जिज्ञासाओं को शांत कर सकें। इसके अतिरिक्त बालक को उसके निवास स्थान, आस-पड़ोस के स्थान, देश, वहां के नागरिक, जलवायु आदि का ज्ञान कराना आवश्यक है। भू-मण्डल पर विभिन्न प्रकार की रचनाएं, पृथ्वी का जल मण्डल, देश के प्राकृतिक संसाधनों का भी भूगोल के माध्यम से बालकों को ज्ञान प्राप्त कराना आवश्यक है।

 

  1. नागरिकता की भावना हमारे देश में शिक्षा का प्रथम उद्देश्य अच्छे नागरिक तैयार करना है। भूगोल विषय का प्रमुख उद्देश्य यह है कि यह बालकों में देश के प्रति प्रेम भावना जगाए। भूगोल के द्वारा बालकों को यह शिक्षा दी जा सकती है कि किस प्रकार के कार्य एवं व्यवहार से देश की प्रगति में योगदान देकर अच्छे नागरिक साबित हो सकते हैं।

 

  1. मानसिक तथा कल्पना शक्ति का विकास करना भूगोल शिक्षण के माद्ययम से बालकों को मानसिक एवं कल्पना शक्ति का विकास करना भी एक प्रमुख उद्देश्य है। भूगोल के सही एवं योजनाबद्ध अध्ययन से बच्चों की मानसिक शक्ति विकसित होती है और वे भौगोलिक तथ्यों व घटनाओं को समझकर उनकी व्याख्या एवं आवश्यकता के समय उचित समाधान खोज सकता है। इसी प्रकार किसी अनदेखे स्थान के भौगोलिक वातावरण के बारे में पढ़कर वह कल्पना करता है कि वहां के लोग कैसे होंगे, उनकी वेश-भूषा, खान-पान व रीती-रिवाजों, पैदावार, आयात-निर्यात आदि की कल्पना करने लगता है तथा खुशी महसूस करने लगता है। भूगोल शिक्षण उद्देश्य

 

  1. प्रकृति के प्रति प्रेम बालकों में प्रकृति के प्रति प्रेम जाग्रत करना शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य बन गया है क्योंकि आज के समय में मनुष्य ने पेड़-पौधों को काटकर एवं औद्योगीकरण के फलस्वरूप प्रकृति के असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो गई है। बालकों को देश के वन प्रदेश, वन्य-जीव, उनका महत्त्व, वनों द्वारा लाभ आदि विषय वस्तु एवं आस-पास के वातावरण तथा प्रकृति के प्रति प्रेम बढे।

 

  1. राष्ट्रीय भावना का विकास-

भूगोल अध्यापक को चाहिए कि बालकों को इस प्रकार का शिक्षण कराये जिससे उनकी देश के प्रति रुचि जाग्रत हो। विश्व में हमारे देश का स्थान, देश में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी तथा उनका उपयोग, देश के जलवायु की जानकारी, उद्योग धन्धों की स्थिति तथा उन्हें विकसित करने की संभावनाएं, जल संसाधन का महत्व तथा बेहतर उपयोग की जानकारी इस प्रकार से दी जाये कि इनके प्रति बालकों में रूचि भी जामत हो तथा भविष्य में इनके आधार पर विकास का विचार उनके मन में जगह बना सके। भूगोल शिक्षण उद्देश्य

 

माध्यमिक स्तर पर भूगोल शिक्षण उद्देश्य-

  1. ज्ञानात्मक उद्देश्य—

माध्यमिक स्तर पर भूगोल के अध्ययन द्वारा ही छात्रों को प्रकृति या वातावरण का मानव के साथ सम्बन्ध का ज्ञान कराया जा सकता है जिससे वह आसपास या प्रतिदिन की घटनाओं को समझ कर उनकी व्याख्या कर सकता है। किस स्थान पर कौन से खनिज संसाधन प्राप्त होते हैं, तथा उन पर आधारित कौन-कौन से उद्योग विकसित किए जा सकते हैं इसकी जानकारी भूगोल शिक्षण से छात्रों को दी जा सकती है। भूगोल शिक्षण उद्देश्य

  1. अच्छी नागरिकता की भावना बालकों में अपने देश के प्रति आदर्श भावना जाग्रत करना आवश्यक है। बालकों में अच्छी नागरिकता तभी जाग्रत हो सकती है जब उन्हें अपने आसपास के वातावरण का पूर्ण ज्ञान हो। यह ज्ञान बालकों को भूगोल शिक्षण से भली पूर्वक मिल सकता है।
  1. देश-प्रेम की भावना का विकास-

भूगोल अध्ययन से हम बालकों को देश में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दे सकते हैं जो कि देश की प्रगति का मुख्य आधार है। साथ ही भूगोल के द्वारा देश के प्राकृतिक स्थल, पर्वत, नदियां, झीलें, वन, गगनचुम्बी पर्वत चोटियां आदि की जानकारी दे सकते हैं ये देश-प्रेम को बढ़ाने में सहायक होते हैं। भूगोल शिक्षण उद्देश्य

  1. अध्ययन में रुचि उत्पन्न करना-

भूगोल शिक्षण से बालकों में उनके पाठ्य को सरल और सहज ग्राह्य बनाया जा सकता है। भौगोलिक यात्राएं, किसी स्थान की जानकारी, पवित्र तीर्थ स्थान की जानकारी, उद्योग धंधों की स्थिति, पशुपालन, खाद्यान्न फसलें आदि की जानकारी भूगोल शिक्षण के माध्यम से दी जा सकती है इससे अन्य विषयों के अध्ययन में भी रुचि जाग्रत होती है। भूगोल शिक्षण उद्देश्य

  1. आर्थिक योजनाओं में सहायक-

भूगोल शिक्षण के माध्यम से बालकों को देश में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी जा सकती है जिनके आधार पर देश की आर्थिक योजनाएं बनती हैं तथा पूरी होती हैं। भारत जैसे विशाल देश को संसाधनों की प्राप्ति के आधार पर छोटी-छोटी इकाइयों में बांट कर एवं प्रत्येक खण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों व जनसंख्या के आधार पर सफल आर्थिक योजनाएं बनाई जा सकती हैं। भूगोल शिक्षण उद्देश्य

  1. सांस्कृतिक उद्देश्य–

विभिन्न देशों की संस्कृति का ज्ञान भूगोल शिक्षण के माध्यम से कराया जा सकता है। भूगोल अध्ययन से हमें अनेक देशों की संस्कृतियों के विकास आदि की जानकारी मिलती है। जिन देशों ने अधिक उन्नति की है उसमें भूगोल का भारी योगदान रहा है, अधिक उन्नति करके इन देशों ने अपनी संस्कृति को विकसित किया है। भूगोल शिक्षण उद्देश्य

  1. विस्तृत दृष्टिकोण का उद्देश्य-

भूगोल का अध्ययन मस्तिष्क को विशाल तथा विस्तृत बनाता है, स्थानीय संकीर्णता से दूर करके हमें व्यापक सोच की ओर उन्मुख करता है। अनभिज्ञ स्थान तथा मनुष्यों के विषय में अध्ययन करने से हमारी संकीर्णता, जातीयता तथा पृथकतावाद की भावना दूर होती है। पृथ्वी के विशाल विस्तार तथा उसमें होने वाली विभिन्न क्रियाओं का अध्ययन करने से मनुष्य व्यापक सोच उत्पन्न करता है उसके अनुसार ही विकास की योजनाएं बनाता है। भूगोल शिक्षण उद्देश्य


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